- जल शक्ति अभियान के तहत केंद्र की उच्च-स्तरीय टीम ने ताजूपुर से चांदपुर तक जल संरक्षण कार्यों का किया निरीक्षण
- तालाबों, झील एवं जल संरचनाओं का लिया भौतिक जायजा, ग्रामीणों से लिया फीडबैक
फरीदाबाद, 08 दिसंबर।
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित जल शक्ति अभियान 2025 (कैच द रेन) के अंतर्गत केंद्र से आई दो सदस्यीय उच्च स्तरीय टीम ने आज गांव ताजूपुर, जसाना, मंझावली, शाहपुर खुर्द, फतेहपुर बिल्लौच और चांदपुर सहित अन्य स्थानीय क्षेत्र में जल संरक्षण से संबंधित परियोजनाओं का भौतिक निरीक्षण किया। इस टीम का नेतृत्व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के निदेशक पंकज कुमार ने किया। निरीक्षण के दौरान सीईओ जिला परिषद शिखा, एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज, सिंचाई विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, नगर निगम एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
टीम ने गांव ताजूपुर, जसाना, मंझावली, शाहपुर खुर्द, फतेहपुर बिल्लौच और चांदपुर सहित क्षेत्र के अन्य जल स्रोतों, तालाबों, वर्षा जल संचयन संरचनाओं एवं जल निकायों का मौके पर जाकर अवलोकन किया। अधिकारियों द्वारा टीम को इन संरचनाओं की स्थिति, प्रगति, निर्माण कार्य, पुनर्विकास तथा रखरखाव संबंधी कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई। टीम सदस्यों ने कहा कि सामूहिक भागीदारी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति के माध्यम से जल संरक्षण को जन आंदोलन का स्वरूप दिया जा सकता है।
निरीक्षण के दौरान मंत्रालय के निदेशक पंकज कुमार ने स्थानीय निवासियों से सीधे संवाद स्थापित कर विभिन्न जल संरचनाओं के प्रभाव और उपयोगिता के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया। ग्रामीणों ने बताया कि इन संरचनाओं के निर्माण से क्षेत्र में भू-जल स्तर में सकारात्मक और स्पष्ट सुधार दर्ज किया गया है, जिससे पेयजल उपलब्धता एवं कृषि कार्यों में भी सुविधा बढ़ी है।
निदेशक श्री कुमार ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे इन संरचनाओं के नियमित रखरखाव में सक्रिय सहभागिता निभाएँ और जल संचयन को दैनिक जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी प्रयास तभी सफल हो सकते हैं जब समाज भी अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाए। टीम सदस्यों ने कहा कि जल संरक्षण की दिशा में आज किए जा रहे सामूहिक प्रयास न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों को संभावित जल संकट से बचाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। निरीक्षण के अंत में टीम ने स्थानीय समुदाय को सहयोग हेतु धन्यवाद दिया और जल संसाधनों के सतत उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया।



