पुलिस ने गवाहों और ठोस सबूतों के बल पर पीड़ित को दिलवाया न्याय
फरीदाबाद: पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि अप्रैल 2017 में आरोपी कलाम और महबूब द्वारा एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण किया गया था जो उसे लेकर दिल्ली चले गए और वहां पर उसे ₹60000 में बेच दिया था। वहां पर लड़की से गलत काम करवाया जाता था। इस मामले में आरोपी अशरफ भी शामिल था जिसे माननीय अदालत द्वारा 7 साल की सजा सुनाई और उस पर ₹50000 जुर्माना भी लगाया गया है। आरोपी ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। 8 जुलाई 2017 को सूरजकुंड थाने में नाबालिक लड़की के पिता ने शिकायत दी थी जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट, अपहरण, वेश्यावृत्ति करवाने इत्यादि संगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू की गई। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 10 जुलाई 2017 को मामले में शामिल आरोपी कलाम व महबूब को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आगे कार्रवाई करते हुए आरोपियों ने नाबालिक लड़की को दिल्ली में जिसे बेचा था उस आरोपित महिला शीला को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके पश्चात आरोपी वाहिद तथा आरोपी अशरफ को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपी अशरफ तथा वाहिद ने मिलकर अपनी गाड़ी में नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस द्वारा वारदात में प्रयोग गाड़ी भी बरामद की जा चुकी है। मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था। इसमें सरकारी वकील प्रताप सिंह ने पुलिस की तरफ से पैरवी की थी। पुलिस टीम ने दिसंबर 2019 में कोर्ट में चार्जशीट पेश करके गवाहों और ठोस सबूतों के बल पर आरोपी को सजा दिलाने का कार्य किया है। इससे अपराधी किस्म के व्यक्तियों में कानून का भय पैदा होगा और वह किसी भी प्रकार की आपराधिक वारदात को अंजाम की कोशिश नहीं करेंगे। इसके साथ ही आमजन में पुलिस, अदालत व कानून के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ होगा।