हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा सीआर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में की गई जिला के 25वें व राज्य के 166वें बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केन्द्र की स्थापना
गोहाना(सोनीपत), 19 दिसंबर। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय परियोजना के अंतर्गत मंगलवार को गोहाना उपमंडल स्थित सीआर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जिला के 25वें व राज्य के 166वें बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केन्द्र की स्थापना करते हुए मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि किशोरावस्था निरंतर परिवर्तन व विकास की उम्र है। जिज्ञासा, उत्साह, उत्तेजना के इस दौर में सामाजिक, घरेलू वातावरण के साथ ही हार्मोनल बदलाव, भावनात्मक विकास, हमसमूह का प्रभाव भी महत्वपूर्ण होता है।
राज्य नोडल अधिकारी ने कहा कि सकारात्मक, प्रेरणादायी परिवेश एक आदर्श स्वस्थ व्यक्ति का निर्माण करता है। नकारात्मक आलोचनात्मक वातावरण समस्याग्रस्त व्यक्ति और समाज का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं हमेशा बाल कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं । उन्होंने कहा कि इंसान की भावनाएं, सोच, व्यवहार, संगति निर्धारक है कि भविष्य जीवन कैसा होगा। किशोर विद्यार्थियों का व्यवहार, स्वभाव और विरासत में मिले व्यक्तित्व परस्पर क्रिया व पूर्व अनुभव का मिश्रण होता है। वातावरण, व्यक्ति, विशेष हालात के प्रति संवेदनशीलता, आपकी प्रतिभा से जुड़ा एक स्वस्थ गुण है, समझे कि संवेदनशील होने का मतलब है कि आप अपने परिवेश से दूसरों की तुलना में अधिक जानकारी ग्रहण करते हैं, अधिक गहराई से संसाधित करते हैं और आपकी निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।
उन्होंने कह कि हार्मोनल बदलाव की समझ विकसित करें, यह वह रसायन है जो शारीरिक वृद्धि और विकास का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि किशोर की भावनाओं पर हार्मोन का प्रभाव सीधे पड़ता है जिससे उनका व्यवहार भी प्रभावित होता है । अगर नजरिया संवेदनशील विकसित होगा तो किशोरावस्था की चुनौतियों को अवसरों में बदलने की कला विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा। नई चुनौतियों को स्वीकारें, मन की भावनाएं माता-पिता से सांझा करें, पर्याप्त नींद, शारीरिक गतिविधियां, पौष्टिक आहार जरूरी है । उन्होंने कुछ सवाल पूछते हुए कहा कि आपका मूल स्वभाव, दोस्त, आदतें, रुचिया, दिनचर्या, प्राथमिकताएं क्या और कैसे हैं और जीवन से हासिल क्या करना चाहते हैं, जीवन का लक्ष्य क्या है सही से आत्म-मूल्यांकन करना होगा, कहीं आप खुद को या अपने माता-पिता को किसी तरह से धोखे में तो नहीं रख रहे हैं।
कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता करते हुए स्कूल निदेशक प्रदीप दलाल व प्राचार्या नेहा तनेजा ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परामर्श की शुरू की गई सेवाएं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी हम ऐसा एहसास कर पा रहे हैं । कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति सहायक कार्यक्रम अधिकारी धर्मपाल, आजीवन सदस्य व परामर्शदाता नीरज कुमार, समाजसेवी दिलावर लठवाल व सभी अध्यापकों की रही ।