बल्लभगढ़ ग्रामीण क्षेत्र की डब्ल्यूसीडीपीओ शकुंतला रखेजा ने पोषण पखवाड़े के तहत गांव सीकरी में महिला गोष्ठी और रेसिपी प्रतियोगिता का आयोजन किया।

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Front News Today: फरीदाबाद (बल्लभगढ़), 21 मार्च। बल्लभगढ़ ग्रामीण क्षेत्र की डब्ल्यूसीडीपीओ शकुंतला रखेजा ने पोषण पखवाड़े के तहत गांव सीकरी में महिला गोष्ठी और रेसिपी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता आयुष विभाग की डॉ. सीमा ने की। जबकि महिला पंच मीनाक्षी व सुपरवाइजर शालु ने विशिष्ठ अतिथि के तौर पर शिरकत की।

डब्ल्यूसीडीपीओ शकुंतला रखेजा विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पोषण पखवाड़े के तहत शनिवार को गांव सीकरी में कुपोषण जागरूकता अभियान चलाया गया। बल्लभगढ़ उपमंडल के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में उपायुक्त यशपाल के दिशा निर्देशों अनुसार सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार और एसडीएम अपराजिता के मार्गदर्शन में बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके आमजन को जागरूक किया जा रहा है। महिला महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी अनीता शर्मा के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इस अभियान में कुपोषण मुक्त हरियाणा बनाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनवाड़ी वर्करों व सहायकों को विशेष रूप से सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार पोषण पखवाड़े के तहत सभी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष तक की आयु तक के बच्चे का मानसिक विकास अधिक डेवलपमेंट होता है। इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि बच्चे के प्रथम 2 वर्ष में वह कुपोषण का शिकार ना हो। उन्होंने बताया कि पोषण पखवाड़े में आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित रूप से बच्चों का वजन और हाइट माप कर जो बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हैं। उनका उपचार बारे सलाह मशवरा दिया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषण मुक्त हरियाणा बनाने की ओर सकारात्मक दिशा में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसमें पोषण के 5 सूत्र जैसे कि बच्चे के पहले हजार दिन एनीमिया, डायरिया हाथ धोना और साफ-सफाई तथा पौष्टिक आहार विविधताओं से युग संपूर्ण योजनाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पोषण पखवाड़े के तहत आगामी 31 मार्च तक बच्चे के पहले 1000 दिन गर्भवती से 2 वर्ष की आयु तक विशेष रूप से खानपान का ध्यान रखने और बच्चे को कुपोषण से कैसे बचाया जा सकता है, बारे विशेष रूप से महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि 2 वर्ष तक की आयु तक बच्चे का मानसिक विकास अधिक विकसित होता है। इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि बच्चे के प्रथम 2 वर्ष में वह कुपोषण का शिकार ना हो और उसका हेल्थ चैकअप सुचारू रूप से हो। इन कार्यक्रम में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आमजन को जागरूक किया जा रहा है। सीडीपीओ शकुंतला रखेजा ने बताया कि गत शनिवार को गांव सीकरी में पोषण पखवाड़े के तहत जन आंदोलन कार्यक्रम इसमें सुपरवाइजर शालु की देखरेख में यह कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इनमें सीआरआई सदस्यों को कुपोषण की व्यापकता और इसके परिणामों के बारे जागरूक शिविर आयोजित किए जा रहे है। ताकि यह जागरुकता अभियान जन आंदोलन का रुप ले ले। उन्होंने बताया कि आगामी 31 मार्च को पोषण पखवाड़ा पोषण नर्सरी, विकास संबंधी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए दिशा में आगे की योजनाएं बनाई जाएंगी।

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