रेड, ब्लू और येलो लाइन की शेष छह कोच वाली ट्रेनों को 8 कोच वाली ट्रेन में बदलने के लिए 120 अतिरिक्त कोच जोड़े जाने की व्यवस्था।

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Front News Today: दिल्ली मेट्रो की रेड (लाइन -1 यानी रिठाला से शहीद स्थल न्यू बस अडडा), येलो (लाइन -2 यानी  हुड्डा सिटी सेंटर से समयपुर बादली) व ब्लू  (अर्थात लाइन 3,4 यानि द्वारका सेक्टर-21 से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक  सिटी / वैशाली) की ट्रेनों में 120 अतिरिक्त कोच जोड़कर  6-कोच वाली ट्रेनों के अपने शेष बेड़े को 8-कोच वाली ट्रेनों में परिवर्तित करने की योजना प्रगति पर है।  यह प्रक्रिया इस वर्ष के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है जिसके बाद इन लाइनों पर चलने वाली सभी ट्रेनें 8-कोच की हो जायेंगी।

इस महीने के अंत तक, येलो  लाइन पर सभी बारह 6-कोच वाली ट्रेनों को 8-कोच में बदलने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिससे इस लाइन पर कुल 8-कोच वाली ट्रेनों की संख्या 64 हो जाएगी। इसके बाद,  ब्लू लाइन पर नौ 6-कोच और रेड लाइन पर  उनचालीस (39) 6-कोच वाली ट्रेनों को इस साल के अंत तक 8-कोच वाली ट्रेनों में बदल दिया जाएगा, जिससे इन लाइनों पर कुल 8-कोच वाली ट्रेनों की संख्या क्रमशः 74 और 39 हो जाएगी।

इन 120 कोचों में से 40 कोच   बॉम्बार्डियर से और 80 कोच भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) से   खरीदे गए हैं।

यह गतिविधि दिल्ली मेट्रो के तीन मुख्य कॉरिडोर यानी रेड (लाइन -1), ब्लू (लाइन -3 / 4) और येलो (लाइन -2) लाइन की वहन क्षमता को बढ़ाने के लिए की जा रही है, जो दिल्ली मेट्रो की कुल रोज़ाना यात्री उपयोगिता का लगभग 40-50% है । उल्लेखनीय है कि इन लाइनों को शुरू में  फेज – I के तहत चालू किया गया था, जिन्हें ब्रॉड गेज पर बनाया गया था, जिसमें 8-कोच तक की ट्रेनों का प्रावधान था।

बाद में फेज-II और फेज-III के अंतर्गत निर्मित मेट्रो की शेष बची लाइनें यानी लाइन-5 से लाइन -9 को स्टैंडर्ड गेज पर बनाया गया है, जिसमें केवल 6-कोच तक की ट्रेनें चलाने का प्रावधान है।

दिल्ली मेट्रो के पास वर्तमान में 336 ट्रेनों के सेट हैं, जिसमें 181 छह कोच वाली ट्रेनें, 133 आठ कोच वाली ट्रेनें और 22 चार कोच की ट्रेनें हैं।

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