Front News Today: सामाजिक संरचना के मूलाधारों में शिक्षा का बहुत महत्व माना जाता है परंतु भ्रष्टाचार की जड़े शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह जकड़ कर खोखली करती जा रही है। शिक्षा माफियाओं ने शिक्षा व्यवस्था को मकड़ी की भांति जकड़े हुए हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद आज़मगढ़ में सामने आया है, जहां एक कूट रचित बना शिक्षक अपने ही गांव के अनुसूचित जाति व्यक्ति के नाम पर नौकरी कर रहा था।
आज़मगढ़ जिले में महाराजगंज शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भीलमपुर में राजेश कुमार यादव निवासी ग्राम मडयां थाना खलीलाबाद, जिला संतकबीरनगर अपने ही गांव के राजेश कुमार अनुसूचित जाति के नाम पर नौकरी कर रहा था। 2010 की चयन प्रक्रिया में शिक्षा माफियाओं की मदद से फर्जी अध्यापक के पिता रामविलास यादव द्वारा लेनदेन कर नियुक्ति पत्र प्राप्त कर लिया गया। जिसके सहारे अभियुक्त बिना किसी प्रशिक्षण और काउंसलिंग के प्राथमिक विद्यालय भीलमपुर में उसे ज्वाइन भी करा दिया गया। हालांकि इस मामले को लेकर वर्तमान एबीएसए ने 3 अप्रैल को इसके विरुद्ध कोतवाली महाराजगंज में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इस प्रकरण की जांच सीओ सगड़ी के निर्देशन में शुरू की गई, अभियुक्त के बारे में जाँच व कार्यवाही के साथ साक्ष्य एवं गोपनीय सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त ने बताया कि मेरे पिता खलीलाबाद में चाय की दुकान चलाते हैं, जहाँ शिक्षा माफियाओं के साथ मिलकर बिना किसी काउंसलिंग व डायट पर प्रशिक्षण के नियुक्ति पत्र के सहारे ज्वॉइन किया। जिसे पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेंजी।
राजेश कुमार यादव ( फर्जी अध्यापक )
सुधीर कुमार सिंह ( पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़)