– उपायुक्त ने कहा, जिस विभाग को जो भी दायित्व मिले उसे निश्चित रूप से पूरा करें
Front News Today (फरीदाबाद, 12 अप्रैल) उपायुक्त जितेंद्र यादव की अध्यक्षता में आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में अरावली गोल्फ क्लब में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में डॉ. गजराज, डॉ. सुशीला, डॉ. नरिन्दर कौर, डॉ. शीलभगत सहित अन्य डॉक्टर और कार्यशाला से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिस विभाग के अधिकारी को जो भी दायित्व मिले उसे निर्धारित समय पर पूरा करना सुनिश्चित करें। सरकार द्वारा जारी जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव में इस कार्य को पूरा करवाना सुनिश्चित करें और अपने अपने विभागों में इसके लिए एक नोडल अधिकारी को भी नियुक्त करें।
डीसी जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला में डेगूं, वायरल और मलेरिया बुखार के बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी हिदायतों की पालना जरूरी है। नियमों की पालना करके स्वयं को सुरक्षित रख अन्य लोगों को सुरक्षित रखने में भागीदारी सुनिश्चित करें।
उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला में आईडीएसपी लैब, ब्लड बैंक और मॉलिक्यूलर लैब में तीन एलिसा रीडर काम कर रहे हैं। जिला में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा नमूने लिए जाते हैं।
उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि इस मौसम में मच्छरों से डेंगू, वायरल व मलेरिया जैसी अनेकों बिमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। यद्यपि जिला में स्वास्थ्य विभाग आमजन के स्वास्थ्य के लिए गंभीरता से इसके बचाव के लिए प्रयासरत है, फिर भी नागरिकों को इन बिमारियों से बचने के लिए सचेत एवं जागरूक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है और ज्यादातर लोग मलेरिया, वायरल बुखार के शिकार हो जाते हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त जितेंद्र यादव ने नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। सभी गड्ढों को मिट्टी से भर दें और रुकी हुई नालियों को साफ रखें। यदि आपके घर में या आसपास पानी जमा होने से रोकना संभव नहीं है, तो उसमें पेट्रोल या कैरोसिन ऑयल डालें। सभी रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें और उन्हें सुखाएं और फिर भरें, घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें, अगर रखें तो उसे उल्टा करके रखें।
उन्होंने कहा कि डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। अपने घरों में सप्ताह में एक बार मच्छर नाशक दवाई का छिड़काव अवश्य करें। रुके हुए पानी पर काले तेल का छिड़काव सुनिश्चित करें, अपने अधिकार क्षेत्र में बारिश के पानी की समय पर निकासी सुनिश्चित करें। कचरा, कबाड़ और पॉलीथिन बैग का उचित निपटान करें। उन क्षेत्रों में फॉगिंग करना जहां मच्छरों का घनत्व अधिक होता है। प्रत्येक वार्ड के लिए कम से कम एक फॉगिंग मशीन खरीदी जाए। वार्ड पार्षदों के माध्यम से आईईसी गतिविधियां।
एचएसवीपी अपने अधिकार क्षेत्र में एमसीएफ के समान ही बारिश के पानी की उचित निकासी, कचरे का उचित निपटान, जंक सामग्री और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के प्रकोप की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए। भवन उपनियमों का कड़ाई से क्रियान्वयन करें।
पंचायत एवं विकास विभाग पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वही गतिविधियां सुनिश्चित करना जो स्वच्छता/स्वच्छता अभियान, मनरेगा योजना के तहत अवांछित गड्ढों, तालाबों और गड्ढों को भरना, आईआरएस गतिविधियों में मदद करना, पंचायत सदस्यों के माध्यम से आईईसी गतिविधियों और खरीद का आश्वासन देना है। प्रत्येक गांव के लिए कम से कम एक फॉगिंग मशीन और बरसात के मौसम में उसका उचित उपयोग करना सुनिश्चित करें।
डीसी जितेन्द्र यादव ने निर्देश देते हुए कहा कि डब्ल्यूसीडी विभाग स्वच्छता और स्वच्छता के बारे में ग्रामीणों को शिक्षित करने, पानी के कंटेनरों की जांच करने, बुखार जन सर्वेक्षण में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मदद करने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
शिक्षा विभाग सभी सरकारी/निजी स्कूलों को एडवाइजरी जारी करे जिसमे कि छात्रों द्वारा अपने माता-पिता, अभिभावकों और रिश्तेदारों को सभी थ्रूपुट सीज़न और आईईसी गतिविधियों के दौरान छात्रों द्वारा पूरी बाजू की शर्ट/पतलून की वर्दी पहनना सुनिश्चित किया जाए। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लीक पाइपों, खुले नलों का उचित प्रबंधन एवं मरम्मत तथा ओवरहेड वाटर टैंकों से ओवरफ्लो का नियंत्रण करें। परिवहन विभाग बरसात के मौसम से पहले गड्ढों और गड्ढों को ठीक से भरना सुनिश्चित करे। पुराने छूटे हुए टायरों को छायांकित क्षेत्रों में स्थानांतरित करके, उन्हें तिरपाल से ढककर और छोड़े गए टायरों को पंचर करके पानी के ठहराव की रोकथाम करें। पशुपालन एवं मात्स्यिकी विभाग सुअर पालन का समुचित प्रबंधन एवं जल निकायों में गम्बूसिया मछलियों को छोड़ने में स्वास्थ्य विभाग की सहायता एवं सिंचाई विभाग पानी रिसने पर नियंत्रण, नालियों और पानी की नालियों की उचित फ्लशिंग सुनिश्चित करवाएं। कृषि विभाग स्रोत में कमी की गतिविधियों और वीबीडी के नियंत्रण के बारे में किसानों को प्रशिक्षण दे। पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर विभाग) सड़क के किनारे गड्ढों की पहचान करे और उन्हें भरना सुनिश्चित करें।
डीपीआरओ वीबीडी के नियंत्रण और रोकथाम के बारे में जागरूकता के लिए विज्ञापन और मीडिया को दैनिक ब्रीफिंग करना सुनिश्चित करें।
सभी विभागाध्यक्षों से अनुरोध है कि वीबीडी नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें और एटीआर और मासिक रिपोर्ट समय पर नियमित रूप से जमा करना सुनिश्चित करें।
एसएमओ कम मलेरिया के नोडल अधिकारी डॉ. रामभगत ने बताया कि जिला में ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन संबंधि मच्छर के लारवा की ब्रीडिंग चेक की जाती और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमों द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लारवा को नष्ट किया जाता है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे हर रविवार को सभी लोग ड्राइ डे (शुष्क दिवस) के रूप मे मनाएं, जिस दौरान घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगड़कर साफ कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता है, उसको जरूर साफ करें। फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति होती है। घर मे प्रयोग किए जा रहे एसी के पानी को एकत्रित न होने दें।
उपायुक्त ने आमजन से अपील की है कि वे सभी रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें व दिन के समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें। जिससे मच्छर के काटने से बचा जा सके।
मलेरिया के जिला नोडल अधिकारी डाँ रामभक्त ने आगे बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सभी 44 नियोजन इकाइयों यानी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए वेक्टर जनित रोगों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। इन नोडल अधिकारियों के अधीन क्षेत्र नियोजन इकाई वार वितरण भी किया गया है। जिला स्तर पर और पीएचसी स्तर तक आरआरटी का गठन किया गया है।
आज मंगलवार को उपायुक्त जितेन्द्र यादव की अध्यक्षता में डीएलएमडब्ल्यूसी की बैठक हुई है। आईएमए और निजी कॉरपोरेट अस्पतालों के साथ भी दो बैठकें भी की जाती हैं। नागरिक अस्पताल में डेंगू वार्ड स्थापित है। जिसमें डेगूं के मरीज भर्ती करके उनका उपचार किया जा रहा है। इसकी बेड कैपेसिटी जरूरत के हिसाब से बढ़ाई जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि ब्लैड बैंक नागरिक अस्पताल बीके में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट कार्यरत है। जिला में आपातकालीन उपयोग के लिए 10-15 आरडीपी का एक पूल बनाए हुए हैं। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में किसी भी आपातकालीन मांग को पूरा करने के लिए हमारे पास 70 एसडीपी किट आरक्षित हैं। जिला में निजी अस्पतालों और ब्लड बैंकों में 13 अन्य एफेरेसिस इकाइयाँ हैं। जिनमें 253 एसडीपी किट उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि स्रोत न्यूनीकरण गतिविधियों के लिए एनआईटी एक, एनआईटी दो, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ क्षेत्रों में प्रत्येक में 10-10 टीमें प्रजनन की जांच और स्लाइड तैयार करने के लिए एक एमपीएचडब्ल्यू और एक यूएमएस कार्यकर्ता के साथ सक्रिय है। इन टीमों द्वारा जिला के घरों की जांच की जाएगी जिससे विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले प्रजनन के लिए नोटिस जारी किए जा सकें।
उन्होंने बताया कि लार्वा को खोजने और नष्ट करने के लिए गहन निगरानी के लिए 10 ब्रीडिंग चेकर्स भी नियुक्त किए हैं। फॉगिंग के लिए एमसीएफ कार्यालय संपर्क में हैं। इसके लिए जिला में 5 वाहन लगे हैं। मच्छर घनत्व के अनुसार क्षेत्रों को कवर करने के लिए 35 हाथ से संचालित मशीनें अलग से लगाई गई हैं। इसके अलावा जिला में 145 स्थायी जल निकाय हैं। जिनमें गंबुसिया मछली की नियमित जांच की जा रही है। आवश्यकता के अनुसार और भी छोड़े जाते हैं। उन्होंने बताया कि मच्छरों से मलेरिया और डेंगू जैसी फैलने वाली बिमारियां का खतरा ज्यादा है। उन्होंने कहा कि नागरिक मच्छरनाशक दवाई का करवाएं छिड़काव, अपने घरों के आसपास रखें साफ-सफाई रखें।
उन्होंने बताया कि मलेरिया के शुरूआती लक्षणों में तेज ठंड के साथ बुखार आना, सर दर्द होना व उल्टियों का आना है। इसलिए कोई भी बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर मलेरिया की जांच करवाएं और अगर मलेरिया जांच में पाया जाता है तो उसका 14 दिन का इलाज स्वास्थ्यकर्मी की देख रेख में करवाएं।
एसएमओ कम् मलेरिया के जिला नोडल अधिकारी डॉ. रामभक्त ने बताया कि एमसीएफ क्षेत्रों में पाए जाने वाले लार्वा प्रजनन के लिए घरों में नोटिस जारी करके उन्हें जुर्माना भी किया जा सकता है और इसकी दैनिक रिपोर्टिंग तथा रिकार्डिंग भी की जाएगी। डॉ. रामभगत ने बताया कि एमसीएफ के कुछ क्षेत्रों में एमसीएफ और स्वास्थ्य कर्मचारियों की संयुक्त यात्राएं की जा रही हैं। वहां पर बीमारियों के नियंत्रण के लिए फॉगिंग करवाई जा रही है। नगर निगम के क्षेत्राधिकार में आने वाले नलकूपों और पार्कों के आसपास के क्षेत्र में सफाई अभियान, सड़कों, पार्कों, खाली भूखंडों, सामुदायिक क्षेत्रों और कार्यालयों जैसे सभी सामान्य क्षेत्रों के रखरखाव की जिम्मेदारी तय की गई है। डॉ. रामभक्त ने बताया कि ड्रेनेज बरसात के मौसम में उचित और समय पर जल निकासी सुनिश्चित की गई है। यदि कोई अधिकारी और कर्मचारी देरी करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्वाही की जाएगी। इसके अलावा काला तेल या टेमीफोस छोड़ना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि वेक्टर और जल जनित रोगों के बारे में आम जनता को शिक्षित और प्रेरित करने के लिए स्वास्थ्य और एमसीएफ के कर्मचारी पार्षदों के साथ समन्वय स्थापित करें। दोनों विभागों से क्षेत्रवार फील्ड स्टाफ की सूची साझा करें ताकि प्रत्येक स्तर पर तालमेल और समन्वय सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने बताया कि वेक्टर एवं जल जनित रोगों के नियंत्रण एवं उनकी जिम्मेदारी तय करने के लिए क्षेत्रवार नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। फरीदाबाद में क्लोरीनीकरण – सभी क्लोरीनेटरों का निरीक्षण किया जा रहा है कि वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। डॉ. रामभक्त ने बताया कि स्लम क्षेत्रों में दैनिक जल आपूर्ति करवाई जाएगी, क्योंकि हर तीन या चार दिनों के बाद आपूर्ति की रिपोर्ट होती है, इससे स्लम क्षेत्रों में निवासियों द्वारा पानी का भंडारण होता है। जिससे लार्वा प्रजनन होता है। एंटी लार्वा वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों के बारे में भी आम जनता को जागरूक किया जा रहा है।