माता अमृतानंदमयी मठ की युवा शाखा अयुद्ध के युवाओं और श्री माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के अनुयायियों ने साथ मिलकर 40000 सीडबॉल फैलाए। यह सीडबॉल हाईवे के पास नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ग्रीन बेल्ट में फैलाए गए। साथ ही 45000 सीडबॉल वन विभाग को सौंपे गए, जो इनका उपयोग राजमार्गों के आसपास हरित क्षेत्र में पेड़ उगाने के लिए करेंगे।
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में भारत वन सेवा और शहरी पर्यावरण, जीएमडीए और एफएमडीए के सीईओ सुभाष यादव जी मौजूद रहे। इनके अलावा अयुद्ध के नेशनल कॉर्डिनेटर स्वामी मोक्षामृता चैतन्य जी, रीजनल कॉर्डिनेटर स्वामी हर्षामृत जी, अनंत पसारी समेत अमृता अस्पताल से वॉलंटियर, श्री माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) के अनुयायियों के साथ-साथ अयुद्ध के युवा लोग और अमृता अस्पताल के स्वंयसेवक भी शामिल रहे।
इस साल अयुद्ध दिल्ली एनसीआर ने लगभग 1 लाख से ज्यादा सीडबॉल बनाए थे। यह चरण सीडबॉल फैलाने की श्रृंखला में आखिरी चरण होगा।
इस अवसर पर सुभाष जी ने कहा, “अम्मा का संगठन इतनी सारी जगहों पर बीज के गोले बिखेर कर पर्यावरण की मदद करने और जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए अद्भुत काम कर रहा है। हर छोटा प्रयास मायने रखता है। हमें प्रदूषण को कम करने और पेड़ और पानी की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए।”
अयुद्ध के नेशनल कॉर्डिनेटर स्वामी मोक्षामृता चैतन्य जी ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “युवाओं को पर्यावरण के बारे में जागरुक होना बेहद आवश्यक है और इन अभियानों के द्वारा हम समाज में खासकर की युवाओं में प्रकृति के प्रति जागरुकता पैदा कर रहे हैं। साथ ही उनके मन में भी बीज बो रहे हैं, जिससे की युवा प्रकृति के प्रति संवेदनशील रहें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। अम्मा के इस अभियान के द्वारा जितने भी सीडबॉल फैलाए जा रहे हैं, हमें उम्मीद है कि इनमें से अधिक से अधिक अंकुरित होंगे।”
अमृता विश्व विद्यापीठम के वैश्विक सीडबॉल अभियान ने इस साल अप्रैल में लॉन्च होने के बाद से दुनिया भर में 1.3 मिलियन से अधिक सीडबॉल का उत्पादन किया है। यह अभियान सस्टेनेबल और रेजिलिएंट कम्युनिटी (एसआरसी) – जलवायु, पर्यावरण और नेट जीरो लक्ष्य पर सी20 वर्किंग ग्रुप के बैनर तले आयोजित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य इस वर्ष के अंत तक दस लाख से अधिक सीडबॉल का उत्पादन और वितरण करके पर्यावरणीय स्थिरता और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली को बढ़ावा देना है।
अमलतास, बेल, कनेर, कचनार आदि के बीजों से गर्मी के दिनों में अमृता अस्पताल, फरीदाबाद, श्री माता अमृतानंदमयी देवी मठ वसंत कुंज दिल्ली व अन्य स्थानों पर सीडबॉल बनाए गए थे। लगभग छ: माह से अधिक चले इस अभियान में कई लाख बीज मिट्टी व खाद के पोषण मिश्रण में रखे गए। उन्हें निर्देशित ढंग से सुखाकर सरंक्षित किया गया था।