जिस पर कृपा राम करें, वो पत्थर भी तर जाते हैं

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कल रात विजय रामलीला कमेटी के इतिहासिक और पौराणिक मंच पर प्रथम दृश्य में लंका की हदूद से विभीक्षण(निशांत नागपाल) को देशनिकाला दिया गया। विभीक्षण राम जी की शरण मे आये जहाँ राम जी ने उनका राज तिलक कर उसको लंकापति घोषित किया उसके बाद हनुमान जी ने पत्थर पर राम नाम अंकित किया और उन पत्थरों से नल नील द्वारा सेतु बांधा गया जिस पर चढ़ कर सेना सहित राम दल ने लंका पर चढ़ाई की। मंच पर पधारे गेस्ट जी बी एल स्कूल के डायरेक्टर्स को सम्मानित किया गया एवं उन्हें युवा पीढ़ी को रामायण से जोड़ने के लिए अपने विद्यालय के छात्रों के प्रेरित करने का आग्रह किया गया। चेयरमैन सुनील कपूर ने कहा की कमेटी का उपदेश्य है युवा रक्त में राम चरित्र का प्रवाह भरना । अगले दृश्य में मंदोदरी(मनोज शर्मा) ने रावण (टेकचंद नागपाल) को युद्ध ना करने की सलाह दी और कहा की सीता को वापिस लौटा दें जिस पर रावण क्रोधित हो उठा। श्री राम ने मर्यादा रखते हुए युद्धनीति के नियमों का पालन किया और बाली पुत्र अंगद को दूत बना कर रावण के दरबार में भेजा। अंगद बने राघव कपूर ने किया दमदार सम्वाद वहीं दूसरी ओर रावण बने टेकचन्द ने भी नहीं छोड़ी कोई कसर। दोनो के बीच डॉयलोग्स पर बजी ज़ोरदार तालियां। आज इसी मंच पर दिखाई जाएगी लक्ष्मण मूर्छा और महाबलशाली कुंभकर्ण का वध। कमेटी के चेयरमैन सुनील कपूर आज कुम्भकर्ण के रोल में नज़र आएंगे।

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