एडीआईएफ ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम पर विशिष्ट कार्यशाला आयोजित की : सरकारी विशेषज्ञों ने स्टार्टअप कंपनियों को दी पूरी जानकारी

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  • इससे स्टार्टअप्स के संस्थापकों को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023 और उनके परिचालनों पर इसके निहितार्थों को समझने में मदद मिली
  • यह डिजिटल उपक्रमों के लिए सहयोगी पारितंत्र को बढ़ावा देने में लगातार निर्णायक भूमिका निभा रहा है

XX : अग्रणी नीतिगत विचार मंच, एलायन्स ऑफ़ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) ने 13 जनवरी, 2024 को आईआईटी दिल्ली में “स्टार्टअप्स के लिए क़ानून : डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम का परिचय” विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यशाला में संचालित परिचर्चा का लक्ष्य स्टार्टअप्‍स को हाल में अधिनियमित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 और स्टार्टअप्स के परिचालन पर इसके अन्तर्निहित प्रभावों की विस्तृत समझ प्रदान करना था। वहां उपस्थित लोगों ने सम्बंधित क्षेत्र के विशिष्ट विशेषज्ञों के साथ परिचर्चा के माध्यम से बहुमूल्य गहन जानकारियां हासिल की।

वर्ष 2020 में स्थापित एडीआईएफ एक निर्णायक उद्योग संगठन के रूप में भारत के डिजिटल स्टार्टअप्स के हितों के लिए काम करता है। एडीआईएफ नए-नए आविष्‍कारों और वृद्धि को उत्प्रेरित करते हुए अनुच्छेद 8 गैर-लाभकारी संगठन के रूप में परिचालन करता है। मुरुगावेल जानकीरमण (भारत मैट्रिमोनी के संस्थापक और सीईओ), अजय दाता (डेटा ग्रुप के संस्थापक और सीईओ), सैरी चहल (शीरोज की संस्थापक और सीईओ), स्नेहिल खनोर (ट्रूली मैडली के संस्थापक और सीईओ), और डॉ. रीतेश मलिक (इनोव8 कोवर्किंग के संस्थापक) जैसी उद्योग जगत के दिग्गजों द्वारा स्थापित यह संगठन भारत को लंबे समय में समृद्धि की राह पर ले जाने के दृढ़ फोकस के साथ डिजिटल परिदृश्य में एक प्रमुख पोजीशन के तौर पर स्‍थापित करना चाहता है।

इस परिचर्चा के बारे में एडीआईएफ के एसोसिएट डायरेक्टर, प्रतीक जैन ने कहा कि, “हमारी मान्यता है कि ज्ञान प्रगति की आधारशिला है। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम पर कार्यशाला स्टार्टअप्स को विकसित हो रहे कानूनी परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी जानकारियों के साथ सशक्त करने का एक महत्वपूर्ण कदम था। एडीआईएफ में हम डिजिटल व्यवसाय को आगे प्रेरित करने वाला सहयोगी वातावरण के विकास और भारत के गतिशील डिजिटल अर्थतंत्र में उनकी वृद्धि को लेकर हमेशा वचनबद्ध रहे हैं।”

पहली परिचर्चा, “डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम का परिचय” में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के डीडीजी/वैज्ञानिक ‘जी’ श्री दीपक गोयल, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के वैज्ञानिक ‘डी’ श्री विकास चौरसिया शामिल थे। फन2डू लैब्स के फाउंडर, श्री सौरभ जैन ने सत्र का कुशल संचालन किया।

दूसरी परिचर्चा “स्टार्टअप्स के लिए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम” पर थी, जिसे मीडियानामा के फाउंडर श्री निखिल पाहवा, सर्वदा लीगल एलएलपी के पार्टनर श्री अबीर रॉय, और डेटा संरक्षण और डेटा संचालन परामर्शदाता, ना. विजयशंकर (नावी) ने संबोधित किया। सत्र का संचालन करते हुए डॉ. श्रीनिवास यानामंद्र, ग्रुप हेड – विनियामक मामले और नीति, पेटीएम (वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड) ने स्टार्टअप्स के लिए अधिनियम के निर्दिष्ट निहितार्थों पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला में उपस्थित सहभागियों को वक्ताओं के साथ बातचीत करने, प्रश्न पूछने और अपने समकक्ष लोगों से जुड़ने का अनूठा अवसर मिला। कार्यशाला में विचारों और व्यावहारिक जानकारियों का तेजी से आदान-प्रदान हुआ। भाग लेने वाले स्टार्टअप्स ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम से उनकी व्यावसायिक पद्धतियों का रूप बदलेगा, इसके बारे में गहरी समझ प्राप्त की।

एडीआईएफ डिजिटल उपक्रमों के लिए एक सहयोगात्मक पारितंत्र के विकास में लगातार निर्णायक भूमिका निभा रहा है। परिचर्चा से स्टार्टअप्स को विकसित हो रहे कानूनी परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी ज्ञान और संसाधनों के साथ सशक्त करने के लिए एडीआईएफ की वचनबद्धता की झलक मिलती है।

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