गांव-गांव जाकर हो रही है पानी की गुणवत्ता की जांचजन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन जिला के गांव-गांव जाकर पानी की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं।

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जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता असीम खन्ना की अध्यक्षता में जिला पलवल की करी गई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करके पानी की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए गए।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग की जिला सलाहकार कुसुम जांगड़ा ने बताया कि मुख्य अभियंता असीम खन्ना की अध्यक्षता में जिला पलवल की वर्चुअल बैठके के दौरान पानी की गुणवत्ता व शुद्धता की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। बरसात के मौसम में पानी की गुणवत्ता व शुद्धता में विभिन्न कारणों से गिरावट आ जाती है, जिससे पीने के पानी से गांव में कई प्रकार की बीमारियां फैलने की आशंका रहती है। इन बीमारियों की रोकथाम करने के लिए गांव में ट्यूबवैल पर लगे क्लोरिनिएटर की उपस्थिति, उसकी कार्य पद्धति और ओटी किट के माध्यम से पानी में क्लोरीन की मात्रा की जांच की जा रही है। क्लोरिनेटर एक ऐसा उपकरण होता है जो पानी में क्लोरीन कीटाणुनाशक का प्रयोग कर पानी को कीटाणुरहित करता है।
जिला सलाहकार ने बताया कि जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ग्रामीणों तक शुद्ध जल पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। हमारा लक्ष्य है कि सबको साफ पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाए। पानी की गुणवत्ता सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य है। इन आदेशों के तहत खंड स्तर पर बीआरसी गांव-गांव जाकर सभी ट्यूबवैलों को चेक कर रहे हैं और साथ ही आपरेटर व ग्रामीणों को जल संरक्षण और गुणवत्ता शुद्धता पर जानकारी भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ग्रामीण कहीं भी पीने के पानी से संबंधित समस्या के संबंध में टोल फ्री नंबर-181805678 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

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