दलित सम्मेलन में गिनाए भाजपा सरकार के दलित हितैषी फैसले,
बीजेपी शासन काल में आई दलित उत्पीड़न की शिकायतों में कमी
जींद 20 जुलाई। हरियाणा की राजनीति में दलित समाज बदलाव की भूमिका में खड़ा है। आगामी विधानसभा चुनावों में दलित समाज न केवल भाजपा की हैट्रिक लगाने में सबसे बड़ा फैक्टर साबित होगा, बल्कि विपक्ष को संविधान का अपमान करने का जवाब भी देगा। हरियाणा मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया को-आर्डिनेटर सुदेश कटारिया दलितों में अलख जगाने का जिम्मा संभाले हुए हैं।
जींद जिले के नरवाना स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित दलित सम्मेलन में सुदेश कटारिया ने बीजेपी सरकार के दलित हितैषी फैसलों के साथ दलित महापुरुषों को दिए गए सम्मान बारे अवगत कराया। दलित समाज ने बीजेपी सरकार द्वारा दलितों के हित और नई पहचान दिलाने के खातिर लिए गए फैसलों की सराहना की।
सुदेश कटारिया ने पूर्व मुख्य मंत्री मनोहर लाल को राजनीति संत की उपाधि देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल राजनीति की परिपाटी को बदला, बल्कि दलितों को न्याय दिलाने का काम किया। वर्ष 1966 हरियाणा गठन के बाद कई मुख्यमंत्री आए और गए, लेकिन किसी ने दलितों की सुध नहीं ली, केवल उन्हें वोट बैंक के तौर पर ही प्रयोग किया।
उन्होंने स्पष्ट किया जो भी मुख्यमंत्री आया, वह पुराने ढर्रे पर चला। चहेतों को नौकरियां देने का काम करने के साथ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों को पूरी तरह नजर अंदाज किया। मगर जब साढ़े नौ साल पहले बीजेपी ने हरियाणा की कमान संभाली तो उसने दलितों के लिए एक मसीहा की भूमिका निभाई जिसने दलित हितों के रक्षक बाबा साहेब के बाद दलितों के हितों की चिंता की और उन्हें न्याय दिलाने का काम किया।
दलितों के हित में भाजपा सरकार ने उठाए मनोहारी कदम
बीजेपी नेता मनोहर लाल ने साढ़े नौ साल पहले हरियाणा के मुख्य मंत्री की कमान संभाली और दलितों की पीड़ा को समझते हुए त्वरित न्याय और सुनवाई के लिए हरियाणा एससी कमीशन का गठन किया। यही नहीं स्वच्छता में अहम भूमिका निभाने वाले स्वच्छता प्रहरियों की समस्याओं का निवारण और उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए सफाई कर्मचारी आयोग बनाया। यही नहीं सबसे बड़ा फैसला मनोहर लाल ने कर्मचारियों के हित में पदोन्नति में आरक्षण देने का लिया, जिससे दलित समाज के कर्मचारियों में खुशी की लहर है और वे मनोहर लाल द्वारा लिए गए फैसले के कायल हैं, क्योंकि हरियाणा गठन से आज तक किसी भी मुख्यमंत्री ने दलित समाज की सुध नहीं ली थी।
बॉक्स : बीजेपी ने दलित समाज के महापुरुषों को दिलाई नई पहचान
सुदेश कटारिया ने कहा कि बीजेपी सरकार ने दलित समाज के महापुरुषों को नई पहचान दिलाने का भी काम किया। भाजपा सरकार द्वारा सरकारी तौर पर महापुरुषों की जयंती मनाने का जो फैसला लिया, उसका असर यह है कि ग्राम पंचायत से लेकर देश की सबसे बड़ी पंचायत (संसद) में सरकारी तौर पर महापुरुषों की जयंती मनाई जा रही हैं। यही नहीं संत शिरोमणि गुरु रविदास जी का पिपली में भव्य स्मारक प्रस्तावित है।
बॉक्स : भाजपा सरकार ने वंचितों को नौकरी देकर कायम की मिसाल
सुदेश कटारिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने साढ़े 9 साल कसे ऊपर के इस कार्यकाल में ऐसी मिसाल पेश की, जो कभी कोई सरकार सोच भी नहीं सकती थी। पदोन्नति में आरक्षण देने के साथ सबसे बड़ा काम वंचितों को पारदर्शिता के आधार पर नौकरियां देने का किया। दलित समाज के योग्य युवा आज सब-इंस्पेक्टर से लेकर एचसीएस के पद पर बैठे हैँ ।पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उस परिपाटी को बदलते हुए वंचितों को नौकरी देने का जो फैसला लिया, दलित समाज उनकी कार्यशैली का कायल है।और अब वर्तमान मुख्य मंत्री नायब सिंह भी पिछड़े वर्ग और वंचितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैँ।
बॉक्स : उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वें एक गरीब परिवार से सबंध रखतें हैँ। और आज जो कुछ भी हैँ पूर्व मुख्य मंत्री मनोहर लाल जी की बदौलत ही हैँ जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ भावना के उन्हें अपने मीडिया कोर्डिनेटर के पद पर बैठाया और आज उन्हें वर्तमान मुख्य मंत्री नायब सिँह को भी अपनी सेवा देने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा हैँ। उन्होंने कहा कि वें राजनीति में विश्वास नहीं रखते और ना कभी चुनाव लड़ेंगे लेकिन समाज में बदलाव लाना अपना कर्तव्य समझतें हैँ उन्होंने पुरे दलित समाज से निवेदन किया कि उनको सिर्फ अपने लोगों का साथ चाहिए जब भी दलित भाइयों कों उनकी जरूरत होगी वो हमेशा उनकी मदद करने के लिए तत्पर रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के शासन काल मे दलित उत्पीड़न की शिकायतो में बहुत कमी आई हैँ
इस दौरान अंबेडकर सभा के प्रधान जिले सिंह, सूरत सिंह, कुलदीप सिंह बेलरखा, जापान सिंह, सुरजीत सिंह, सतबीर बडनपूर, नफे सिंह, बलबीर सरोहा, सतपाल उझाना, भरत सिंह भोसले, रोशन लाल, कसमीरा हंसडहर, मनीष शेरडा, पुनीत राठी, जगदीप सिंह, मास्टर होशियार सिंह, सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे l