उपायुक्त आज हरियाणा उदय कार्यक्रम के तहत गोहाना-जींद रोड पर एचएसवीपी की ग्रीन बेल्ट में मियावाकी पद्धति के अंतर्गत पौधारोपण करने के उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
अजय कुमार ने कहा कि मियावाकी पद्धति के तहत एचएसवीपी की तीन एकड़ भूमि में विभिन्न प्रजाति के 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इनका संरक्षण भी वन विभाग द्वारा किया जाएगा। पौधों की सुरक्षा के लिए चारों ओर कटीले तार भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मियावाकी एक ऐसी तकनीक है, जिसके तहत पौधों की विभिन्न देशी प्रजातियों को एक दूसरे के करीब लगाया जाता है, जिससे ऊपर से सूर्य की रोशनी मिलने से उनका विकास तेजी से होता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सीजन में वन विभाग की नर्सरी में 5 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। इनमें से 3 लाख का वितरण किया जा चुका है। एक लाख पौधे विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग स्कीमों के तहत लगाये जा रहे हैं। आमजन के लिए यह पौधे निशुल्क वन विभाग द्वारा वितरित किए जा रहे हैं।
उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव तथा पर्यावरण पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव पर नियंत्रण पाने के लिए पौधारोपण बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों से खाली पड़ी जमीन का विवरण मांगा गया है ताकि आने वाले दिनों में इसी प्रकार से पौधारोपण किया जा सके।