विभागीय कार्यशाला में सीजेएम ने पोक्सो एक्ट, बचपन बचाओ आंदोलन, किशोर न्याय एक्ट की समीक्षा और दी जानकारी

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भिवानी, 23 जुलाई । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश देशराज चालिया के निर्देशानुसार प्राधिकरण के सीजेएम-कम-सचिव कपिल राठी की अध्यक्षता में विभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मध्यस्थों, पैनल अधिवक्ताओं ओर पैरा लीगल वॉलिंटियर्स और अन्य संबधित विभागो के अधिकारी गणो के लिए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम व पास्को अधिनियम,बचपन बचाओ आंदोलन की विस्तार से समीक्षा की और इन बारे जानकारी दी।

कार्यशाला में सीजेएम कपिल राठी ने विभागीय कार्यों की समीक्षा की और आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए। कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसलर की डिप्टी चीफ एडवोकेट बबली पवार और पैनल एडवोकेट विनोद कुमार ने उक्त विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पॉस्को अधिनियम ओर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम है, बाल यौन-शोषण, यौन उत्पीडऩ एवं पोर्नोग्राफी के विरुद्ध कार्यवाही के लिए कड़े प्रावधान किए गए है। यदि बच्चे द्वारा कोई गैर क़ानूनी या समाज विरोधी कार्य हो जाता है, तो इस गैर क़ानूनी कार्य को बाल अपराध कहा जाता है। कानूनी प्रक्रिया के तहत बाल अपराध 8 वर्ष से अधिक तथा 16 वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किया गया अपराध गैर कानूनी होगा, जिसे कानूनी प्रक्रिया के तहत बाल न्यायालय के समक्ष उपस्थित करते है। उन्होंने बताया कि विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, गंभीर अपराधों में लिप्त पाए जाने वाले बाल अपराधियों को जेल की सजा दी जा सकती है। जबकि उन्हें उम्र कैद या फांसी की सजा नहीं होगी। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता गण व पैरा लीगल वॉलिंटियर्स उपस्थित थे।

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