इस कार्य पर 30 करोड़ 16 लाख 65 हजार रुपए की राशि खर्च होगी। ग्राम पंचायत द्वारा इस प्लांट को लगाने के लिए ढाई एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव भी पास किया गया है। यह प्लांट नि:संदेह जनता के लिए हितकारी साबित होगा और एनजीटी बोर्ड की हिदायतों की अनुपालना के अनुरूप बनेगा।
शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने शुक्रवार को पुलिस लाईन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि एसटीपी के प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है और आगामी 1 या 2 दिन में टेंडर खुल जाएंगे। इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जल्द शुरु हो जाएगा। इस प्लांट के लगने से सरस्वती नदी में जो गंदा पानी जाता था, वह भी नहीं जा सकेगा और सरस्वती नदी प्रदूषित भी नहीं होगी। विभाग द्वारा नए प्लांट के लिए 30 करोड़ 16 लाख रुपए की राशि की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इस प्लांट को लगाने से संबंधित सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। इससे पहले जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा नरकातारी रोड पर 25 एमएलटी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण विभाग का 15 एमएलटी की क्षमता वाला एसटीपी कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा सरस्वती नदी को होली रिवर घोषित किया हुआ और उसके तहत सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड द्वारा इसके सौंदर्यीकरण का कार्य करवाया जा रहा है। इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से शहर व अन्य क्षेत्रों में पानी निकासी बेहतर तरीके से हो, उसके अनुरूप जन स्वास्थ्य विभाग व एचएसवीपी द्वारा क्रियान्वित प्लांट कार्य कर रहे है। समय के अनुरुप व शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की संख्या को देखते हुए नए प्लांट को लगाया जाना आवश्यक है। इसी के तहत विभाग द्वारा खेड़ी मारकंडा में नया सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम किया जाएगा। यह प्लांट निसंदेह लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा और इस प्लांट के लगने से सरस्वती नदी भी स्वच्छ और सुंदर रहेगी। यह प्लांट पूरी तहर से एनजीटी के नियमों के अनुरूप ही होगा। उन्होंने इस प्लांट के लिए खेड़ी मारकंडा की ग्राम पंचायत द्वारा जमीन उपलब्ध करवाने पर आभार भी व्यक्त किया।