*विस चुनाव में नियमों के विरुद्ध प्रचार सामग्री छापने पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई : अभिषेक मीणा*

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*- जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी अभिषेक मीणा ने बैठक में जिला के प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को दिए सख्त निर्देश*

*- प्रिंटिंग प्रेस संचालकों पर रहेगी जिला प्रशासन व निर्वाचन आयोग की कड़ी नजर*

*- नियमों के उल्लंघन पर छह महीने की सजा व प्रिंटिंग प्रेस का लाइसेंस निरस्त करने का है प्रावधान*

*रेवाड़ी, 20 अगस्त*

रेवाड़ी जिला में 1 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के मद्देनजर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी अभिषेक मीणा ने मंगलवार को जिला के सभी पंजीकृत प्रिंटिंग प्रेस संचालकों व मालिकों की बैठक लेते हुए चुनाव से संबंधित पंपलेट, पोस्टर और संबंधित सामग्री की छपाई और प्रकाशन के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। डीसी ने सभी पंजीकृत मुद्रकों और प्रकाशकों को नोटिस जारी किया जिसमें बताया गया कि चुनाव पम्पलेट, पोस्टर आदि की छपाई और प्रकाशन प्रतिनिधित्व की धारा 127-ए के प्रावधानों द्वारा नियंत्रित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि नियमों के विरुद्ध प्रचार सामग्री छापने पर संबंधित प्रेस मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक मीणा ने प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को निर्देश दिए हैं कि वे बिना जांच पड़ताल व नियमों के विरूद्ध जाकर कोई भी चुनाव प्रचार सामग्री प्रकाशित न करें। विधानसभा चुनाव के दौरान मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि छापना जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए का उल्लंघन है और ऐसा करने वाले प्रिंटर के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिसमें छह महीने की सजा से लेकर प्रिंटिंग प्रेस का लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि चुनाव से संबंधित हर सामग्री पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम अवश्य छपा हुआ होना चाहिए।

जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक मीणा ने कहा कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के खर्च की सीमा निर्धारित की हुई है इसलिए यह जरूरी है कि उनके पम्पलेट व पोस्टर आदि के खर्च का भी पूरा हिसाब किताब रहे। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि उसी स्थिति में छापें जब सामग्री छपवाने वाला व्यक्ति हलफनामे के साथ दो गवाह दें और उनके हस्ताक्षर भी लेने जरूरी हैं। ऐसे पोस्टर व पम्पलेट आदि छापने के बाद उनकी एक कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी और राज्य स्तर पर मुख्य चुनाव अधिकारी को कॉपी भेजकर यह बताना होगा कि अमुक व्यक्ति ने चुनाव से संबंधित कितनी संख्या में पोस्टर अथवा पम्पलेट छपवाएं है और उनके खर्च का भी विवरण देना होगा। कॉपी से कॉपी करना भी इसी श्रेणी में आता है। चुनाव पम्पलेट/पोस्टर का अर्थ प्रचार के लिए प्रयोग किए जाने वाले उन सभी दस्तावेजों से है, जिनमें किसी भी राजनीतिक दल या विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार से संबंधित प्रचार की जानकारी हो।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले के सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी प्रकाशक या मुद्रक अपनी प्रिंटिंग प्रेस के जरिए ऐसी किसी भी प्रकार की सामग्री को प्रकाशित या छपाई का कार्य नहीं करेगा, जिसके पोस्टर बैनर या पंफलेट पर उसके मुद्रक या प्रकाशक का नाम और पता अंकित न हो। संचालक पोस्टर और बैनर की छपाई करने के दौरान दावेदारों या प्रत्याशियों से स्वप्रमाणित घोषणा पत्र और उसके दो जानने वाले लोगों के नाम और पते को भी अपने पास जानकारी के रूप में पहले से ही हासिल करेंगे, उसके बाद ही छपाई का कार्य शुरू कर सकेंगे।

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