यह दूसरी बार है जब भारत का कोई राष्ट्रपति इस संस्थान मैं पहुंचा है जबकि इससे पहले, भारत के तीसरे राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. जाकिर हुसैन ने 20 नवंबर, 1968 को तत्कालीन वाईएमसीए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, फरीदाबाद की आधारशिला रखी थी। दीक्षांत समारोह के दौरान, वर्ष 2023 में अपनी डिग्री पूरी करने वाले 1536 विद्यार्थियों और शोधार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयी जिसमें 998 स्नातक, 525 स्नातकोत्तर और 13 पीएचडी शामिल हैं। डिग्री प्राप्त करने वालों में 874 छात्र और 662 छात्राएं हैं। इसके अलावा, समारोह में दो मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। दीक्षांत समारोह में सभी छात्र-छात्राएं पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में नजर आये, जोकि ड्रेस कोड का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जेसी बोस विश्वविद्यालय पिछले पांच दशकों से विद्यार्थियों का कौशल और आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहा है और इस संस्थान के पूर्व छात्र देश-विदेश के कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। वही इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का नाम महान वैज्ञानिक जे सी बोस के नाम पर है जिनका नाम सुनते ही हर भारतीय को गर्व होता है इसलिए आप उसे अपने जीवन में आगे बढ़ाने की प्रेरणा ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा हरित क्रांति का प्रदेश है और इस राज्य ने देश की खाद्यान्न मैं अहम भूमिका निभाई है। वही इस मौके पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हरियाणा के ढाई करोड़ की जनता की तरफ से राष्ट्रपति के पधारने पर उनका धन्यवाद किया और उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को मुबारकबाद दी । उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अब वह उपाधि प्राप्त करने के बाद देश और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें और राष्ट्र के निर्माण में सहयोग करें ।
राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति
बंडारू दत्तात्रेय राज्यपाल हरियाणा