प्रिंटर या प्रिंटिंग प्रेस के मालिक चुनाव के दौरान नहीं छाप सकते कोई गैर कानूनी चुनाव प्रचार सामग्री:सुशील सारवान

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प्रचार सामग्री पर छपा होना चाहिए मुद्रक व प्रकाशक का नाम व पता, प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं छापी जा सकती कोई भी प्रचार सामग्री

कुरुक्षेत्र 21 अगस्त जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सुशील सारवान ने कहा कि विधानसभा आम चुनाव की घोषणा से साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव प्रचार के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार या उनके समर्थक प्रचार के रूप में पोस्टर, पम्पलेट, हैंड बिल, बैनर इत्यादि छपवाते हैं। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार कोई भी प्रिंटर या प्रिंटिंग प्रेस का मालिक किसी भी प्रकार की गैर कानूनी तरीके से सामग्री छाप कर नहीं दे सकता है।

उपायुक्त सुशील सारवान ने जिला की प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रशासनिक अनुमति के बिना कोई प्रचार सामग्री न छापें। चुनावी प्रचार सामग्री पर प्रकाशक का नाम व पता अंकित होना जरूरी है, ऐसा नहीं करने पर छह महीने की सजा हो सकती है। प्रचार सामग्री की एक-एक प्रति व उसका बिल संबंधित आरओ के पास भिजवाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि चुनावी प्रचार सामग्री में जाति, धर्म, समुदाय विशेष या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भडक़ाने वाली भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। छपाई दस्तावेज पर किसी धर्म, जाति, समाज, भाषा विशेष या चरित्र हनन का प्रकाशन गैर कानूनी होगा।

उन्होंने कहा है कि दोषी पाए जाने पर प्रकाशन व छपवाई करवाने वाले के विरुद्ध जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 क के अनुसार छह माह की कैद या दो हजार रुपए जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। निर्वाचन से संबंधित चुनाव सामग्री के मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता होना चाहिए, बिना इसके कोई प्रचार सामग्री प्रकाशित नहीं करेगा। प्रिंटिंग प्रेस भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ही प्रचार सामग्री की छपाई करें। आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना करते हुए जिला में विधानसभा चुनाव को पारदर्शी, निष्पक्ष व शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न करवाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।

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