शिमला 23 अगस्त – उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला शिमला की सभी शहरी स्थानीय निकाय अपने-अपने क्षेत्र में साफ़-सफाई को लेकर मापदंड तैयार करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जुड़ने की आवश्यकता है।
उपायुक्त आज यहाँ हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित जिला पर्यावरण योजना से सम्बंधित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एकल उपयोग प्लास्टिक के निष्पादन को लेकर भी कई मुद्दे सामने आए हैं, जिनका निवारण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किलो के हिसाब से एकल उपयोग प्लास्टिक की खरीद में दिशा निर्देशों के अनुसार केवल साफ़ प्लास्टिक ही खरीदा जाये ताकि उसका आगे उपयोग किया जा सके। इसके अतिरिक्त, एकल उपयोग प्लास्टिक बायबैक योजना के तहत प्लास्टिक बेचने वाले को उसका भुगतान उसी समय हो इस सम्बन्ध में भी उच्च स्तर पर बात की जाएगी तभी यह योजना सार्थक होगी।
बैठक में बताया गया कि एकल उपयोग प्लास्टिक की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने हेतु जुलाई 2023 से जुलाई 2024 तक 728 निरीक्षण हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तथा 1936 निरीक्षण जिला नियंत्रक खाद्य आपूर्ति विभाग किये गए। इस दौरान हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उल्लंघन के 215 मामले पाए गए, जिनमें 2 लाख 23 हजार रुपए के चालान किये गए।
*ध्वनि प्रदूषण एक बड़ी समस्या*
उपायुक्त ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है, जिस पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। बैठक में बताया गया कि जिला में ध्वनि प्रदूषण की जाँच हेतु केवल दो मशीनें उपलब्ध हैं। उपायुक्त ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए अन्य अधिकारियों को भी कार्रवाई करने का अधिकार सौंपने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, प्रेशर हॉर्न के प्रयोग पर नियंत्रण रखने के लिए एक विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर सप्ताह औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्यिक क्षेत्र और आवासीय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करता है। इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन ने शिमला के 24 स्थानों को साइलेंस जोन घोषित किया हुआ है और बोर्ड हर माह इन 24 स्थानों की निगरानी करता है।
*सभी शहरी स्थानीय निकायों में घर-घर से उठाया जा रहा कूड़ा*
बैठक में बताया गया कि जिला शिमला में 11 शहरी स्थानीय निकाय हैं जिनमे नगर निगम शिमला, नगर पालिका रोहड़ू, नगर पंचायत सुन्नी, नगर पंचायत जुब्बल, नगर पंचायत नारकंडा, नगर पालिका ठियोग, नगर पंचायत कोटखाई, नगर पालिका रामपुर, नगर पंचायत नेरवा, नगर पंचायत चौपाल और नगर पंचायत चिड़गांव शामिल हैं। सभी 11 शहरी स्थानीय निकाय के क्षेत्र में घर-घर से कूड़ा उठाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सभी शहरी स्थानीय निकाय ने नियम बनाए हुए हैं और अपने-अपने क्षेत्र में हॉटस्पॉट भी चिन्हित किए हुए हैं।
*पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर होती है पानी की जांच*
बैठक में बताया गया कि पानी की गुणवत्ता के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर माह विभिन्न नदियों और नालों से 29 सैंपल एकत्रित करता है। इसके अतिरिक्त, 3 रियल टाइम जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन अश्विनी, पब्बर और गिरी नदी में स्थापित किये जाने प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला के 4 स्थानों टूटू, बियोलिया, सैंज और रोहड़ू से भूजल सैंपल एकत्रित कर उनकी जांच की गई और सभी सही पाए गए। इसी कड़ी में जल शक्ति विभाग रामपुर द्वारा 3 हैंडपंप को प्रदूषित जल पाए जाने पर सील किया गया है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2023-24 में हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल प्रदूषण करने वाले उद्योगों से 79 सैंपल लिए थे और 43 उल्लंघन के मामले पाए जाने पर 3.18 करोड़ का पर्यावरण मुआवजा लगाया।
बैठक का संचालन अधिशाषी अभियंता हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ललित ठाकुर ने किया।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा सहित शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।