– मलेरिया वर्किंग कमेटी के समीक्षा बैठक में डीसी महावीर कौशिक ने दिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को जरूरी निर्देश
भिवानी, 30 अगस्त। डीसी महावीर कौशिक की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्थानीय लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। डीसी ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लोगों को जागरूक करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि वे डेंगू व मलेरिया के संभावित चिन्हित किए गए क्षेत्रों में स्कूलों में विद्यार्थियों को व अन्य क्षेत्रों में आमजन को बचाव के बारे में जागरूक करें।
डीसी श्री कौशिक ने जनस्वास्थ्य विभाग, रोडवेज, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, पंचायत विभाग, नगर परिषद, वन व अन्य विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने कार्यालयों में पानी के ठहराव वाली जगहों को साफ रखें। उन्होंने शहरी क्षेत्र में नगर परिषद/नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत विभाग के अधिकारियों को सफाई व्यवस्था दुरूस्त रखने व फोगिंग करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग अपनी आंगनवाड़ी वर्कर के माध्यम से महिलाओं को डेंगू व मलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक करें। इसी प्रकार से उन्होंने रोड़वेज विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए कि वे वर्कशॉप आदि में खराब टायर न रखें, जिनमें पानी का ठहराव होता हो। उन्होंने पंचायत विभाग को निर्देश दिए कि वे गांवों में स्वच्छता बनाए रखें।
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सप्ताह में एक बार ड्राई-डे जरूर मनाएं
बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. शांडिल्य ने बताया कि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जरूरी है कि अपने घरों में गमलों आदि में पानी इकट्ठा न होने दें, जिससे उसमें लारवा बने। इसके लिए जरूरी है कि अपने-अपने घरों में रविवार को और शुक्रवार को अपने कार्यालय में ड्राई-डे मनाने को कहा। उन्होंने कहा डेंगू का मच्छर धूप के छांव जगह तलाशता है, ऐेसे में दवाई का छिडक़ाव शाम को दिन ढलने के समय ही करना चाहिए। इसके साथ ही मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए जरूरी है कि सुबह और शाम को सैर को जाते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें ताकि मच्छर कहीं से काटने न पाए।
बैठक में डॉ. शांडिल्य ने बताया कि मलेरिया के लक्षण में व्यक्ति को ठंड(कंपकपी) के साथ बुखार आना, उल्टी होना या उल्टी जैसा लगना, शरीर में ऐठन एवं दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, थोड़ी देर में पसीने के साथ बुखार आना एवं कुछ समय के अंतराल में फिर बुखार आना है। इसी प्रकार से डेंगू के लक्षण में अचानक तीव्र ज्वर का होना, दर्द होना और उल्टी का होना है। उन्होंने बताया कि इन लक्षणों के होने पर सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं। जिला में सभी लैब संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे डेंगू की जांच के लिए निर्धारित 600 रुपए फीस से अधिक पैसे वसूल ना करें। उन्होंने कहा कि डेंगू के उपचार के लिए सामान्य अस्पताल में अलग से वार्ड बनाया गया है, जिसमें 24 बैड हैं और मलेरिया और डेंंगू के उपचार के लिए विभाग के पास पर्याप्त दवा हैं।
उन्होंने रोड़वेज व अन्य विभागों के अधिकारियों को कहा कि वे अपने-अपने कार्यालय स्टोरेज को नेट से ढक कर रखें ताकि यदि वहां पर डेंगू का मच्छर है तो बाहर न आ सकें। इसके साथ ही सुबह सांय पूरी बाजू के कपड़े पहने ताकि शरीर पूरी तरह से ढका रहे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से बचाव के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कार्यालयों में शुक्रवार को तथा आमजन से घर पर रविवार को ड्राई डे मनाने की अपील की ताकि पानी के ठहराव वाली जगहों की सफाई की जा सकें।
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18 सितंबर को बच्चों को दी जाएगी एलबेंडाजोल की गोली
बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. शांडिल्य ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 18 सितंबर को सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों, ईंट भळों व औद्योगिक इकाइयों में बच्चों को पेट के कीड़ों को मारने की एलबेंडाजोल गोली दी जाएगी। ऐसे में स्कूली बच्चे सुबह का नाश्ता जरूर करके आएं। उन्होंने बताया कि गोली का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। बच्चे या उनके अभिभावक किसी प्रकार की भ्रांति में न आएं। इसके लिए विभाग द्वारा चार लाख 28 हजार बच्चों को गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। फरवरी माह ने विभाग ने अपना 99.9 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया था। उन्होंने बताया कि जो बच्चे निर्धारित दिनों में गाली नहीं ले पाएंगे, उनको 24 सितंबर को मोक डे के दिन गोली दी जाएगी। बैठक में प्रोजेक्टर पर संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी नरेश मेहता, जिला कार्यक्रम अधिकारी वैशाली, नप से सफाई निरीक्षक विकास देसवाल, के अलावा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग आदि संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।