जीवन की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जेल बंदियो को स्वरोजगार प्रशिक्षण दिया जा रहा है :- सीजेएम पवन कुमार।

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मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने किया जेल का औचक निरीक्षण

भिवानी 4 सितम्बर । जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.आर. चालिया के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सीजेएम-कम-सचिव कपिल राठी और प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड व जेएमआईसी सोहनलाल मलिक ने स्थानीय जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने कैदियों- हवालातियों को उनके केसों में आ रही मुश्किलों को सुना व समस्याओं के समाधान संबंधी जानकारी दी। सीजेएम पवन कुमार ने पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जेल बंदियो को रोजगार प्रशिक्षण संपन्न होने पर प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि जेल बंदियों को दिए जा रहे इस स्वरोजगार प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य उन्हें जीवन की मुख्य धारा से जोड़ना है। प्रशिक्षण लेने के बाद जेल से रिहा होकर वे खुद का रोजगार कर सकेंगे। इन्हें किसी के पास जाकर नौकरी के लिए हाथ जोड़ना नहीं पड़ेगा। जेल में ही रहकर आजीविका फिक्स करने की यह योजना बंदियों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो रही है।

इसके अलावा सीजेएम ने जेल में बंद कैदियों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति को अपने केस की पैरवी करने के लिए वकील की जरूरत है, तो वह मुफ्त कानूनी सेवाएं के लिए प्राधिकरण के अधीन वकील की सेवाएं ले सकता है। इस संबंध में लिखित दर्खास्त जेल प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिवानी के कार्यालय को भेजनी होती है। महिला जेल बंदियों को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाने की सलाह दी। उनके रहन-सहन, स्वास्थ्य जांच, कानूनी जागरूकता के विषय में संबंधित को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। महिलाओं के छोटे बच्चों के लिए खेल के कमरे का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर जेल कर्मचारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर लीगल एंड डिफेंस काउंसिल के डिप्टी चीफ नरेंद्र कांटीवाल, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान भिवानी के निदेशक मनजीत महराण, जेल उप अधीक्षक नरेश बूरा और अनिल शर्मा सहित अन्य जेल कर्मचारी मौजूद रहे।

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