जिला के 4 लाख से अधिक बच्चों करीब 29 हजार महिलाओं को खिलाई जाएगी एलबेंडाजोल की गोली

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-18 सितम्बर को मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, गोली लेने से नहीं छूटे कोई भी बच्चा :- सीटीएम गुरविंद्र सिंह

कैथल, 4 सितंबर ( ) सीटीएम गुरविंद्र सिंह ने कहा कि सभी संबंधित विभाग हैल्थ विभाग से तालमेल करके 18 सितम्बर को नैशनल डिवर्मिंग डे यानी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाएं। जिला का एक भी बच्चा एलबेंडाजोल की गोली खाने वंचित न रहे। हैल्थ विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के कर्मचारियों के सहयोग से जिला के एक वर्ष से 19 वर्ष के 4 लाख 6 हजार 336 बच्चों एवं किशोरों को एलबेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी।

सीटीएम गुरविंद्र सिंह ने कहा कि आगामी 18 सितम्बर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर हैल्थ विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों कर्मचारियों के प्रशिक्षण के दौरान संबोधित कर रहे थे। बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला के 598 राजकीय स्कूलों, 389 निजी विद्यालयों के बच्चों और 1270 आंगनवाड़ी को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। जो बच्चे 18 सितम्बर को किसी कारणवश गोली लेने से छूट जाते हैं, उनको 24 सितम्बर को यह गोली हर हाल में खिलाई जाए।

उन्होंने कहा कि खंड वाईज टीमें बनाकर इस कार्यक्रम को आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, अध्यापकगण आदि के सहयोग से पूरा करें। इस कार्यक्रम के तहत राजकीय स्कूलों के 1 लाख 2 हजार 815 विद्यार्थी, निजी विद्यालयों के 1 लाख 10 हजार 403 विद्यार्थी, आंगनवाड़ी केंद्रों में 90 हजार 574 बच्चे और अन्य स्कूलों से बाहर अन्य स्थानों के 1 लाख 2 हजार 544 बच्चों और इसके साथ ही 19 से 24 वर्ष की 29 हजार 663 महिलाओं को भी ये गोलिया खिलाई जाएंगी।

सीएमओ डॉ. रेणू चावला ने कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य है बच्चों में बढ़ रही कृमि संक्रमण को रोकना और इससे बचाव के प्रति जागरूकता फैलाना। इस दिन विभिन्न सार्वजनिक जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। गौरतलब है कि आज के समय में लाखों बच्चे इस बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में पेट के कीड़ों से खून की कमी से अनिमिया हो जाता है। बच्चों की बढ़ोतरी भी प्रभावित होती है। इन कीड़ों की रोकथाम के लिए एलबेंडाजोल की गोलिया खिलाई जाती हैं और साधानियां भी बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि अपने नाखूनों को समय-समय पर काटा जाए और सफाई की जाए। खुले में शौच न जाएं। खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धाएं। खाना और पानी को ढक कर रखें।

इस मौके पर डॉ. विकास धवन, डॉ. संदीप, डॉ. राजीव मित्तल एवं अन्य विभागों के संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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