जिला को कृमि मुक्त बनाने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों को किया जाए कवर : डीसी

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*- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत डीसी अभिषेक मीणा ने ली अधिकारियों की बैठक*

*-कृमि मुक्त अभियान में जिला के 324778 बच्चों व 19888 महिलाओं को किया जाएगा कवर*

*रेवाड़ी, 6 सितंबर* जिलाभर में 18 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत सभी स्कूल, शिक्षण संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में 1 से 19 साल के बच्चों सहित प्रजनन आयु वर्ग वाली 20 से 24 साल तक की महिलाओं को पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल दवा नि:शुल्क रूप से खिलाई जाएगी तथा 24 सितंबर को मॉप-अप-राउंड के तहत दवाई खिलाई जाएगी। अभियान को सफल बनाने के लिए शुक्रवार को डीसी अभिषेक मीणा ने स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास व पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

डीसी ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत जिला के 1 से 5 साल के 73730 व 6 से 19 साल के 251046 बच्चों सहित कुल 324778 बच्चों तथा प्रजनन आयु वर्ग वाली 20 से 24 साल की 19888 महिलाओं को एल्बेंडाजोल दवाई नि:शुल्क खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर के उपरांत 24 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मॉप-अप-राउंड भी चलेगा जिसमें शेष बच्चे व महिलाओं को कवर किया जाएगा। सभी संबंधित विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए सफल बनाएं।

*कार्यक्रम के अंतर्गत शत-प्रतिशत बच्चों को खिलाई जाए दवा

डीसी अभिषेक मीणा ने ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूल में दवा देते समय यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत बच्चों को कवर किया जाए। ईंट भट्ठों पर भी अभियान के तहत बच्चों को दवा दी जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किस आयु वर्ग के बच्चे को कितनी मात्रा में दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि यह दवा 1 वर्ष से 19 साल तक के लड़के-लड़कियों और 20 से 24 साल तक की महिलाओं को यह डोज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 18 सितंबर को यह अभियान चलाया जाएगा तथा जो बच्चें 18 सितंबर को दवाई नहीं खा पाएंगे उन शेष बच्चों को 24 सितंबर को एल्बेंडाजोल की दवा दी जाएगी।

सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र यादव ने डीसी अभिषेक मीणा को राष्ट्रीय कृमि मुक्त अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सभी स्कूल में एल्बेंडाजोल की दवाई की आपूर्ति निर्धारित समय पर कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी भी बच्चे को खाली पेट दवाई नहीं लेनी है कुछ खाकर-पीकर ही गोली लेनी है। गोली लेने के तुरंत बाद एक गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कृषि हूक, व्हीप व राउंड प्रकार के होते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक हैं।

*पेट में कीड़ों के लक्षण

सिविल सर्जन ने पेट में कीड़ों के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि इससे गंभीर संक्रमण से दस्त, पेट दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना सहित कई लक्षण हो सकते हैं। किसी बच्चे में कृमि की मात्रा (तीव्रता) जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति में लक्षण उतने ही अधिक होंगे। हल्के संक्रमण वाले बच्चों/किशोरों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते।

*कृमि मुक्ति के लाभ

सिविल सर्जन ने कृमि मुक्ति के लाभ की जानकारी देते हुए बताया कि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। पोषण ग्रहण बढ़ाता है। एनीमिया को नियंत्रित करता है। समुदाय में कृमि संक्रमण को कम करने में मदद करता है। स्कूलों और आंगनबाडिय़ों में एकाग्रता और उपस्थिति में सुधार होता है। कार्य क्षमता और आजीविका के अवसरों में सुधार करता है।

इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी कपिल पूनिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी शालू यादव, डीआईपीआरओ दिनेश कुमार, डा. अशोक कुमार, डा. विशाल कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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