*उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा बल्क एसएमएस का खर्च : जिला निर्वाचन अधिकारी*

0
2

*- आपत्तिजनक एसएमएस भेजने वालों पर भी रहेगी टीम की कड़ी नजर*

*रेवाड़ी, 12 सितंबर* डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक मीणा ने विधानसभा आम चुनाव में प्रचार के दौरान उम्मीदवार द्वारा थोक में भेजे जाने वाले एसएमएस का खर्च भी संबंधित उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। प्रचार अवधि के दौरान वैकल्पिक निर्वाचन के प्रचार के लिए बल्क (थोक) में भेजे गए एसएमएस की जानकारी जिला प्रशासन व संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को मिलने पर वह सेवा प्रदाता से इस पर हुए व्यय का अनुमान लगवाकर इसे उम्मीदवार के खाते में जोड़ देगा। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

डीसी ने बताया कि आयोग के अनुसार मतदान संपन्न होने के लिए निश्चित किए गए समय की समाप्ति से 48 घंटे पहले तक की अवधि के दौरान राजनीतिक प्रकृति के थोक में एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध होगा। जिला में प्रचार के दौरान मोबाइल सेवा प्रदाता सभी संबंधितों के नोटिस में ऐसे थोक एसएमएस की जानकारी मॉनिटरिंग टीम के संज्ञान में लाने के निर्देश दिए गए हैं। चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण प्रक्रिया के साथ संपन्न करवाने के लिए भी आयोग ने निर्देश जारी किए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान आपत्तिजनक एसएमएस भेजने वालों पर भी टीम की कड़ी नजर रहेगी। आपत्तिजनक एसएमएस की जांच के दौरान एसएमएस भेजने वाले का पता लगाकर उसके खिलाफ नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।

*निश्चित समयावधि में एग्जिट पोल पर रहेगा प्रतिबंध

जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक मीणा ने बताया जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए के तहत प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से एग्जिट पोल आयोजित करने व उनके परिणामों के प्रचार-प्रसार पर निश्चित समय अवधि के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है। इस चुनाव में इसकी अवधि 18 सितम्बर, 2024 को सुबह 7 बजे से लेकर 5 अक्टूबर, 2024 को मतदान समाप्त होने के निर्धारित समय के आधे घंटे बाद (शाम 06:30 बजे) तक है क्योंकि हरियाणा के आम चुनाव के साथ जम्मू एवं कश्मीर के भी आम चुनाव हैं और वहां पर प्रथम चरण का चुनाव 18 सितम्बर, 2024 को है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 126 का उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसलिए सभी मीडिया हाउस भी आयोग के निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें।

*फर्जी खबरों को रोकने में मीडिया भी निभा सकता है सक्रिय भूमिका

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग व पेड न्यूज के मामलों को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया वेबसाइटों सहित इंटरनेट पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री पर भी गठित टीमों द्वारा नजर रखी जा रही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि वे स्वयं या उनके समर्थक नफरत फैलाने वाले भाषणों व फर्जी खबरों में शामिल न हों, ताकि चुनाव का माहौल खराब न हो। फर्जी खबरों को रोकने में मीडिया भी सक्रिय भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 126 (1) (बी) के तहत किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय की समाप्ति के 48 घंटे की अवधि के दौरान टेलीविजन या अन्य प्रसारण के माध्यमों से किसी भी चुनाव संबंधी सामग्री को प्रदर्शित करने पर रोक रहेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here