– ‘हमारा संविधान–हमारा स्वाभिमान’ थीम के साथ सुषमा स्वराज राजकीय कन्या महाविद्यालय में संविधान दिवस मनाया गया
फरीदाबाद, 26 नवंबर।
बल्लभगढ़ स्थित श्रीमती सुषमा स्वराज राजकीय कन्या महाविद्यालय में आज “हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान” थीम पर संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) सतबीर मान ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कहा कि देश का संविधान हमें न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करता है, बल्कि कर्तव्यों के पालन का मार्ग भी प्रशस्त करता है। एसडीएम बल्लभगढ़ मयंक भारद्वाज भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। दीप प्रज्ज्वलन के साथ संविधान दिवस समारोह का विधिवत शुभारंभ किया गया। समारोह का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं आमजन में संविधान के महत्व, मूल्यों तथा नागरिक दायित्वों के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा।
अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान ने संविधान दिवस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों, प्राध्यापकों तथा आम जनों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान केवल एक दस्तावेज़ भर नहीं, बल्कि राष्ट्र की प्रगति, अखंडता और लोकतांत्रिक मूल्यों की सुदृढ़ नींव है। उन्होंने कहा कि संविधान एक जीवंत मार्गदर्शक है, जो न केवल शासन प्रणाली को दिशा प्रदान करता है बल्कि नागरिकों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और दायित्वों के प्रति भी जागरूक करता है।
एडीसी सतबीर मान ने कहा कि संविधान का निर्माण अत्यंत सोच-समझकर, विपरीत परिस्थितियों और विविधताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया था। संविधान सभा के सदस्यों ने लगभग तीन वर्षों तक गहन विचार-विमर्श, संवाद और विश्लेषण के उपरांत एक ऐसी संरचना तैयार की, जिसने भारत को एक मजबूत, समावेशी और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की दूरदर्शिता तथा संविधान निर्माताओं के अथक परिश्रम के कारण हमें एक ऐसा संविधान मिला जो समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर आधारित है।
अपने उद्बोधन में श्री मान ने इस बात पर विशेष आग्रह किया कि आज की युवा पीढ़ी को संविधान की मूल आत्मा को समझना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य तभी सशक्त होगा जब युवा अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को भी गंभीरता से ग्रहण करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान केवल शासन का ढांचा नहीं, बल्कि नागरिक जीवन का नैतिक और सामाजिक मार्गदर्शन करने वाला मूल ग्रंथ है।
उन्होंने कहा कि “संविधान सिर्फ कागज़ का दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है।” यह वाक्य इस बात को रेखांकित करता है कि संविधान देश के हर व्यक्ति को समान अधिकार प्रदान करता है और सभी को सामाजिक व आर्थिक न्याय सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि संविधान किसी विशेष समुदाय, वर्ग या व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतीय समाज के लिए समान रूप से उपयोगी है। इसलिए इसका अध्ययन केवल विद्यार्थियों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि समाज के हर नागरिक को अपने संविधान के मूल सिद्धांतों व प्रावधानों की समझ अवश्य होनी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान प्रबल (उद्घोषिका) का सामूहिक वाचन किया गया, साथ ही विभिन्न विद्यालयों के छात्रों द्वारा देशभक्ति गीत, नाटक और भाषणों की प्रस्तुति दी गई। अधिकारियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया।
इस अवसर पर कॉलेज की प्रधानाचार्य रितिका गुप्ता, प्रो सपना सचदेवा सहित कॉलेज की छात्राएं और अन्य स्टाफ गण उपस्थित रहा।



