छात्र-छात्राओं ने लिया शपथ: “हम कभी बाल विवाह नहीं करवाएंगे और न होने देंगे”
फरीदाबाद, 23 दिसंबर।
भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत आज सोमवार को उपायुक्त (डीसी) आयुष सिन्हा के मार्गदर्शन में आज राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी- 2, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जसाना, राजकीय मॉडर्न वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तिगांव सहित अन्य कई स्कूलों में बाल विवाह के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं को यह शपथ भी दिलाई गयी कि वे किसी भी परिस्थिति में बाल विवाह नहीं करवाएंगे और न ही होने देंगे।
संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के विरुद्ध आमजन से जागरूक और सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास में भी गंभीर बाधा उत्पन्न करता है। समाज के प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह ऐसे मामलों को अनदेखा न करे और समय रहते हस्तक्षेप करे। हेमा कौशिक ने यह भी आश्वासन दिया कि बाल विवाह की सूचना देने वाले शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी, ताकि लोग निर्भय होकर प्रशासन का सहयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रशासन बाल विवाह की रोकथाम के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और प्राप्त प्रत्येक सूचना पर त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बाल विवाह जैसी सामाजिक कुप्रथा के उन्मूलन के उद्देश्य से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत लागू कानूनी प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गई। वक्ताओं ने स्पष्ट रूप से बताया कि बाल विवाह कानूनन अपराध है तथा इसमें संलिप्त पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि किसी भी क्षेत्र, मोहल्ले या गांव में बाल विवाह होने की जानकारी मिलती है, तो संबंधित लोग तत्काल उसे रोकने का प्रयास करें और बिना किसी संकोच के निकटतम पुलिस थाना या पुलिस चौकी को इसकी सूचना दें। इसके अतिरिक्त, किसी भी समय पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।



