कोरोना संकट में, रश्मि पाण्डेय और उनकी टीम के साथ

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(Front News Today / Vivek Prakash) 2011 में नेफोमा के नाम से एक संस्था की नींव रखी, जो हर उस व्यक्ति की आवाज़ बनी जिन के घर एक्सटेंशन में फंसे हुए थे। रश्मि पाण्डेय भी एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं वर्किंग प्रफ़ेशनल है। नेफोमा के साथ मिलकर उन सभी हज़ारों लाखों बायर्स की आवाज़ बनी, जो अपने घर मिलने की उम्मीद खो चुके थे, नेफोमा की हर संघर्ष में उस का साथ दिया, आज इस छोटे स्तर पर शुरू हुए संघर्ष को एक नए आयाम तक पहुंचाया है। स्थानीय निवासियो की समस्याओं जिसमें सड़क निर्माण बिजली , पार्क एवं बिल्डरों की मनमानियों पर आवाज़ उठाना, नागरिकों की सुरक्षा, स्कूल फ़ीस माफ़ी जैसी अनेको समस्याओं पर अपनी टीम के साथ मज़बूती से खड़ी रही । और इनका संघर्ष आज भी जारी है और जारी रहेगा। रश्मि पाण्डेय जी का मानना है कि भले ही आज भी उन्हें, उनका घर ना मिला हो पर और लोगों को उनका हक दिला कर एक खुशी की अनुभूति होती है जो अपने खुद के घर ना मिलने के दर्द को थोड़ा कम कर देती है। रश्मि पाण्डेय उत्तर प्रदेश रेरा की कंसिलेसन टीम में नेफोमा टीम के साथ ख़रीदारों का प्रतिनिधित्व भी करती है।

कोरोना संकट में, रश्मि पाण्डेय और उनकी टीम के साथ लॉक डाउन के कारण बिल्डर साइट और निर्माणाधीन साइट, पर बेरोजगार मज़दूरों और उनके परिवार के लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही थी , साथ ही साथ नेफोमा टीम के साथ मिलकर बेसहारा पशुओं के भोजन की व्यवस्था की गयी।

नेफोमा रसोई, की स्थापना करके दिन-रात जहां दिन रात स्वच्छ भोजन पकाया जाता था लगभग रोज़ टीम द्वारा 1200 पैकेट वितरित किए गए । इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को सूखा राशन भी दिया जा रहा हैं। उनकी टीम जरूरतमंद लोगों को पका हुआ भोजन और सूखी राशन उपलब्ध करा रही है। वह लॉकडाउन में पढ़ाई के लिए बच्चों को फल, जूस, नोटबुक और पेन वितरित किया गया। जरूरतमंद लोगों को EthoMart trust द्वारा कपड़े भी बाटे है। ईद के समय लाक्डाउन होने पर कॉल आने पर कई परिवारो के लिए कपड़े लेकर गयी।

वह लगातार हॉस्पिटल, मौत और अन्य आपातकालीन समस्याओं के मामले में सरकारीअधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियो की मदद से पास बनाने पर काम कर रही है। जो लोग अपने घर जाना चाहते है उनको सरकार द्वारा दी गयी बसो में जाने की व्यवस्था भी कर रही थी। अनाथ आश्रम में बच्चों को मास्क, फल, राशन इत्यादि की व्यवस्था की जा रही है ।
मेरा मानना है कि अगर समाज सेवा के क्षेत्र में निरंतर प्रयत्न शील रहेंगी जिससे समाज का निरंतर विकास होता रहे।

कोरोंना काल में उनको कई न्यूज़ चैनल और सामाजिक संस्थाओ द्वारा उत्कर्ष कार्य के लिए सम्मानित किया गया, जय हो नैशनल अवॉर्ड, पर्यावरण संरक्षण, voice of cops, इत्यादि संस्थाओ द्वारा समय समय पर उनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए सम्मानित किया गया।

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