पहले दूध के उत्पादन से एक रुपये की भी बचत मुश्किल थी और जानवरों के राशन व अन्य जरूरतों के लिए भी पर्याप्त संसाधन नहीं जुट पाते थे। हमारे किसान भाई-बहनों को भीषण संघर्ष का सामना करना पड़ता था।
उनकी मेहनत के सम्मान में हमने दुग्ध पर MSP लागू कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की नींव रखी है। जब किसानों के हाथों में अच्छी कमाई होगी तो आत्मनिर्भर हिमाचल की इमारत भी मजबूत और बुलंद बनेगी।
~ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू