अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय में स्प्रिंग एंड रिवर रिजुवीनेशन अथॉरिटी (SARRA) से सम्बद्ध विभिन्न तकनीकी संस्थानों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान संस्थानों द्वारा अपने-अपने स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गयी।

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बैठक में अपर मुख्य सचिव ने स्प्रिंग एंड रिवर रिजुवीनेशन अथॉरिटी और सभी संस्थानों को जानकारियां और विश्लेषण साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए SARRA एक अच्छा प्लेटफार्म है। अथॉरिटी द्वारा तैयार किए जा रहे डैशबोर्ड पर इसकी सभी जानकारियां उपलब्ध करायी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जल-स्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए दीर्घकालीन और व्यापक प्लान तैयार किया जाए, साथ ही इसकी मॉनिटरिंग एवं मेंटेनेंस के लिए भी प्रावधान किया जाए। इसके लिए किसी भी प्रकार की धन की कमी नहीं होगी।

अपर मुख्य सचिव ने जिलों में काम करने के लिए एक-एक कोर टीम तैयार किए जाने और जनपदों की कोर टीम में भी तकनीकी संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं को जन सहभागिता के बिना सफल बनाना नामुमकिन है, इसलिए योजनाओं के क्रियान्वयन में जनसहभागिता आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जाए।

अपर मुख्य सचिव ने अल्मोड़ा में कोसी नदी के रिजुवीनेशन के पूर्व से जारी कार्य में तेजी लाते हुए SARRA द्वारा डीपीआर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डीपीआर तैयार करने से पहले सभी एजेंसियों द्वारा कोसी एवं उसके जलग्रहण क्षेत्र का एक संयुक्त दौरा कर लिया जाए।

बैठक के दौरान भारतीय जल विज्ञान संस्थान को सौंग एवं नयार नदी, IIT रुड़की को शिप्रा एवं गौड़ी नदी की विभिन्न प्रकार की मैपिंग और विश्लेषण की जिम्मेदारी दी गयी।

इस दौरान बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी SARRA श्रीमती नीना ग्रेवाल, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, केन्द्रीय भू-जल बोर्ड, भारतीय जल विज्ञान संस्थान, रूड़की, IIT रुड़की एवं गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान एवं सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

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