-पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग की योजनाओं का पशुपालक जरूर उठाएं लाभ जिला उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि कृषि कार्यों के साथ-साथ पशुपालन एक लाभकारी सहायक कृषि कार्य है। सीमांत किसानों, बेरोजगार युवाओं को भी पशुपालन व्यवसाय अपनाना चाहिए। सभी पशु चिकित्सकों की सलाह से पशुपालन करें। पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएं। पशु चिकित्सकों की सलाह पर अपने पशुओं में रोगों की रोकथाम के लिए समय-समय पर टीकाकरण करवाएं।
पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के उप-निदेशक डा. वीरेंद्र सहरावत ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्त नेहा सिंह के दिशा-निर्देशानुसार जिला में पशु पालन का कार्य सुचारू रूप से करने के लिए समय-समय पर किसानों को जागरूक किया जाता है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पलवल जिला क्षेत्र में कुल 36 हजार 538 दुधारू पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया, जिनमें कुल 27 हजार 988 भैंस व कुल 8 हजार 550 गाय शामिल हैं।
जिला क्षेत्र में पशुओं को पी.पी.आर. के 3 हजार 900, तथा भेडमाता के 4 हजार 200 और ईटीवी के 17 हजार 950 व स्वाइन फीवर के 500 टीके लगाकर रोगमुक्त किया गया। उप-निदेशक ने बताया कि जिला क्षेत्र में पशुओं के बांझपन के इलाज के लिए 23 कैंप लगाए गए।