Front News Today: फरीदाबाद (बल्लभगढ़), 19 फरवरी। सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार उपायुक्त यशपाल के दिशा निर्देशों पर एसडीएम अपराजिता के मार्गदर्शन में स्थानीय पंचायत भवन में एक दिवसीय क्रॉप कटिंग औसत पैदावार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यशाला में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को जिला में गांव वार क्रॉप कटिंग बारे विस्तार पूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गेहूं, चना, जौ और सरसों की रबी की फसलों को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा होने और किसी अन्य प्राकृतिक कारणों से औसत पैदावार कम होने पर बीमा कंपनी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल भरपाई के रूप में धनराशि किसानों के बैंक खाते में डाली जाती है।
इसके लिए फसल कटाई प्रयोगों को पूरा करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा उनके अधिकारियों और कर्मचारियों को एक प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसका नाम क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट रखा गया है। क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला परियोजना अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार साहू ने बताया कि सरकार द्वारा वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रदेश में लागू की गई थी व निरंतर चल रही है। इस योजना के अनुसार किसानों को बीमित फसलों की औसत पैदावार कम होने पर और किसी अन्य प्राकृतिक कारणों से फसल का नुकसान होने पर भरपाई के रूप में बीमा कंपनी द्वारा फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल भरपाई धनराशि उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट में जिला के प्रत्येक गांव में एक इकाई होती है। इसके लिए गांव में सभी बीमित फसलों की रैंडमली व स्मार्ट सेम्पलिंग की जाती है। इसमें गांव के पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण के क्षेत्र को चिन्हित करके अच्छी फसल वाले और कमजोर फसलों वालें खेतों को शामिल किया जाता है। इसके बाद उस गांव के चारों खेतों की क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट करके उस गांव की बीमित फसलों की औसत पैदावार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा निकाली जाती है। जिससे उस गांव की औसत पैदावार माना जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यदि गांव की औसत पैदावार पिछले 7 वर्षों की औसत पैदावार से कम निकलती है, तो सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार उस गांव के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनी द्वारा भरपाई राशि किसानों को दी जाती है। रबी की फसल में सरकार द्वारा गेहूं, चना, सरसों और जौ की फसलों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया गया है। इन सभी फसलों का जिला में गांव और क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट किया जाता है। कार्यशाला में उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. दलबीर सिंह, कृषि अधिकारी रामानंद शर्मा सहित सभी एडीओज तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया।