जिला फरीदाबाद में बाल विवाह के उन्मूलन हेतु व्यापक जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत संचालित इन पहलुओं का उद्देश्य विभिन्न आयु वर्ग के नागरिकों को बाल विवाह के दुष्परिणामों, इसके सामाजिक प्रभावों तथा शिक्षा और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर के बारे में विस्तारपूर्वक जागरूक करना रहा। कार्यक्रम का मूल लक्ष्य समुदाय में जागरूकता को मजबूत करना और युवाओं व परिवारों को बाल विवाह के विरोध में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित करना था।
नेहरू कॉलोनी, सारण सर्कल, एनआईटी-2 सहित जिले के विभिन्न ब्लॉकों में विशेष जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इन सत्रों में बच्चों, किशोरों, युवाओं और अभिभावकों को बाल विवाह के कानूनी प्रावधानों, इसके सामाजिक परिणामों तथा बच्चों के अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के अंतर्गत सामूहिक शपथ ग्रहण भी आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न ही किसी भी प्रकार से इसे प्रोत्साहित करेंगे। यह शपथ समारोह स्थानीय समुदाय में दृढ़ निश्चय और जागरूकता को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण प्रयास रहा।
जागरूकता अभियान में सरकारी अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा स्थानीय नागरिकों की उल्लेखनीय भागीदारी रही। वक्ताओं ने बताया कि बाल विवाह लड़कियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य की संभावनाओं पर गंभीर प्रभाव डालता है। किशोरी छात्राओं के लिए आयोजित कार्यशालाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, मानसिक विकास और अधिकारों की जानकारी दी गई, जबकि बालकों और युवाओं को समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन लाने और बाल विवाह के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
प्रतिभागियों को यह भी अवगत कराया गया कि बाल विवाह की रोकथाम केवल कानून का विषय ही नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का सामाजिक दायित्व है। महिलाओं और युवाओं को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया गया। सभी उपस्थित लोगों द्वारा शपथ ग्रहण कर बाल विवाह उन्मूलन में सहयोग देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।



