पुलिस लाईन फरीदाबाद में पहुंचा पुस्तक प्रदर्शनी वाहन, सडक सुरक्षा, पर्यावरण, साहित्य, कथा एवं कहानियों की पुस्तको का भंडार है पुस्तक परिक्रमा वाहन

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महानिदेशक हरियाणा की प्रेरणा से हरियाणा पुलिस की पहल पर हरियाणा में कर रहा है भ्रमण

फरीदाबाद- बता दे कि माननीय पुलिस महानिदेशक हरियाणा शत्रुजीत कपूर की प्रेरणा से हरियाणा पुलिस द्वारा पहल करते हुए 17 अगस्त से 16 सितम्बर 2024 तक हरियाणा में पुस्तक परिक्रमा का आयोजन किया गया है। 17 अगस्त 2024 को पानीपत में तृतीय पुस्तक मेले के आयोजन के अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत सरकार द्वारा संचालित पुस्तक प्रदर्शनी वाहन को माननीय शत्रुजीत कपूर द्वारा हरी झंडी दिखाकर पुस्तक परिक्रमा के लिए रवाना किया गया। यह वाहन 17-23 अगस्त तक पानीपत, 24-26 अगस्त तक करनाल, 27-28 अगस्त को कैथल, 29-31 अगस्त तक कुरूक्षेत्र, 01-03 सितम्बर तक अम्बाला, 04-11 सितम्बर तक पुलिस लाइन मोगीनन्द, पंचकूला व चण्डीगढ़ से यमुनानगर होते हुए 12-14 सितम्बर तक सोनीपत में पुस्तको का प्रदर्शन करने उपरांत 15 सितम्बर पुलिस लाईन फरीदाबाद पहुंचा। इस वाहन द्वारा जिला फरीदाबाद के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करके 16 सितम्बर को पुस्तक परिक्रमा का समापन किया जाएगा। इसी क्रम में आज 15 सितम्बर को फरीदाबाद के सेक्टर-37 स्थित क्राउन इंटीरियर मॉल में वाहन द्वारा पुस्तको का प्रदर्शन किया गया है जहां पर आमजन ने पुस्तको को देखकर उनके संबंधित जानकारी हासिल की।

पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश नरवाल IPS, ने अपने संदेश में कहा कि पुस्तके मनुष्य के ज्ञान की वृद्धि का स्त्रोत है। पुस्तको को पढने से मनुष्य सहनशील एवं विनम्र बनता है साथ ही मनुष्य की जिंदगी का बेहतर रास्ता बनाती है।

उन्होने कहा कि हरियाणा पुलिस की यह एक अनुठी पहल है, क्योंकि आज के आधुनिक युग में युवा पीढ़ी इंटनेट से जुडी हुई है और उनकी पुस्तके पढ़ने की रुचि समाप्त होती जा रही है जिसके कारण हम अपनी संस्कृति, कला एवं साहित्य से दूर होते जा रहे है। आज-कल बच्चे/युवा इंटरनेट के माध्यम से जानकारी हासिल करने में लगे हुए है जबकि युवा पीढ़ी को मूल्यवान/वास्तविक जानकारी पुस्तकों को पढ़ने से ही प्राप्त होगी।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस पुस्तक प्रदर्शनी वाहन के माध्यम से युवाओं को सामान्य ज्ञान, पर्यावरण, साहित्य, कला, कथाओं और कहानियों से जोड़ना बहुत आसान होगा। पुलिसकर्मियों को भी नियमित रुप से पुस्तको को पढना चाहिए ताकि अपने ज्ञान में वृद्धि करते हुए अपनी संस्कृति, कला एवं साहित्य से जुडे रहे।

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