लेकिन इस समाज के लोगों के दिलों में आज भी भारत-पाक बंटवारे की त्रासदी देखी जा सकती है। अहम पहलु यह है कि इस समाज के लोग देश और प्रदेश के विकास में अपना अहम योगदान दे रहे है और सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की प्रदर्शनी का एक-एक चित्र समाज के लोगों पर बंटवारें के समय का दर्द स्पष्ट देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह बुधवार को सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उदघाटन करने के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह, हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री सुभाष सुधा, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, पंचनद स्मारक ट्रस्ट के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उदघाटन किया और इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने प्रदर्शनी में दिखाए गए चित्रों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी है।
सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक रणवीर सांगवान ने कहा कि 27 पैनल पर भारत का विभाजन अभूतपूर्व मानव विस्थापन और मजबूरी में पलायन की दर्दनाक कहानी को ब्यां कर रहे है। इस प्रदर्शनी में दर्शाया गया है कि लगभग 60 लाख गैर मुसलमान उस क्षेत्र से निकले और बाद में पश्चिमी पाकिस्तान बन गया, 65 लाख मुसलमान पंजाब, दिल्ली आदि के भारतीय हिस्सों से पश्चिमी पाकिस्तान में चले गए, 20 लाख गैर मुसलमान पूर्वी बंगाल, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान बना, से निकलकर पश्चिम बंगाल आए।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में यह भी दिखाया गया कि 20 लाख ओर गैर मुसलमान पश्चिमी बंगाल आए, 10 लाख मुसलमान पश्चिमी बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान चले गए। इस विभीषिका में मारे गए लोगों का आंकड़ा 5 लाख बताया जाता है, लेकिन अनुमानत: यह आंकड़ा 5 लाख से 10 लाख के बीच है। इसमें 1947 के अखबारों की कटिंग और अन्य दृश्यों को भी देखा जा सकेगा। इस मौके पर हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत, उपायुक्त सुशील सारवान, पुलिस अधीक्षक जेएस रंधावा, पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज, नगर परिषद की निर्वतमान अध्यक्षा उमा सुधा, भाजपा के जिला अध्यक्ष सुशील राणा, भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल राणा, जिप उपाध्यक्ष डीपी चौधरी, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, चेयरमैन धर्मवीर डागर, भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष साहिल सुधा, उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, रविन्द्र सांगवान, रामपाल पाली, प्रदीप झाब, धीरज गुलाटी, तजेन्द्र गोल्डी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।