Front News Today: फरीदाबाद, 13 मार्च 2022। मई 2022 में ब्राज़ील में होने वाले ड़ेफ़लिंपिक्स (ड़ेफ़ ओलंपिक) में भारत के 64 खिलड़ियों का चयन हुआ है। इसमें हरियाणा राज्य से 15 खिलड़ियों का चिह्नित किया गया है। इसमें फरीदाबाद के बल्लभगढ़ निवासी 23 वर्षीय शुभम वशिष्ठ का भी चयन हुआ है। जिस तरह पैरा खिलाड़ियों के लिए पैरा ओलिम्पिक गेम्स होते हैं, ठीक ऐसे ही मूकबाधिरों के लिए डेफ ओलिम्पिक गेम्स होते हैं।
डेफ ओलंपिक गेम्स 1 मई से 15 मई तक ब्राजील में खेले जाएंगे। शुभम यहां भारत की ओर से 10 मीटर एयर पिस्टल (व्यक्तिगत), 10 मीटर पिस्टल (मिश्रित टीम) इवैंट व 25 मीटर पिस्टल गेम्स में सलेक्ट हुआ है। इससे पहले 23 फरवरी से 28 फरवरी तक दिल्ली में चले चयन परीक्षण में शुभम ने खेल में अच्छा स्कोर हासिल किया है जिसके बल पर उनका सलेक्शन इंटरनेशनल ओलंपिक गेम्स में किया गया है।
आपको बता दें शुभम पिछले 5 साल से गेम्स की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें उनके कोच राकेश ठाकुर व दीपक ठाकुर ने शूटिंग गेम्स सिखाने में उनकी मदद की है। साथ ही अग्रवाल कॉलेज के डीपी जगवीर सिंह ने भी खेल में उनकी काफी मदद की है।
बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पढ़ने वाला शुभम जन्म से ना तो सुन पता है व ना ही बोल पता है। शुभम के पिता दिनेश शर्मा ने बताया कि जब शुभम ने 3 से चार वर्ष की उम्र में भी बोलना और सुनना शुरु नहीं किया तो उन्होंने इसकी जांच दिल्ली के एम्स में कराई। जहां से उन्हें पता चला कि उनका पुत्र बोलने-सुनने में शत प्रतिशत दिव्यांग है। शुभम ने अग्रवाल कॉलेज से बीकॉम की है, अब वह वहीं से एमकॉम कर रहा है और फाईनल इयर में है। शुभम ने इससे पहले की पढ़ाई बल्लभगढ़ के रावल कोनवेंट स्कूल से की थी जहां से उसने मुकबाधिर होते हुए 12 वीं में 58.8 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेश में रिकॉर्ड हासिल किया था, उसने ग्रेजुएशन में भी फस्ट डिविजन हासिल की है।
शुभम अग्रवाल कॉलेज बललबगढ़ से मास्टर ऑफ कॉमर्स की पढ़ाई कर रहा है। कॉलेज के प्रधानअध्यापक कृष्ण कान्त गुप्ता ने डेफ ओलंपिक गेम्स में शुभम का चयन होने पर उसे परिवार सहित सम्मानित किया है और जीत की कामना की है। शुभम का परिवार बल्लभगढ़ की भीकम कॉलोनी में रहता है। उनके पिता ओटोमोबाइल पार्टस मेकिंग का व्यवसाय करते हैं। शुभम के बडे भाई विक्रम वशिष्ठ डाक विभाग में कार्यरत हैं।
आज बल्लभगढ़ के लिए खुशी का दिन है, शुभम अभी अपनी प्रैक्टिस में लगा है और बल्लभगढ़ क्षेत्र अपने इस बेटे की जीत की कामना कर रहा है ताकी वह देश का नाम रोशन कर सके।