– कौन से काम किए जा सकते हैं और कौन से नहीं, का ब्योरा जारी
चरखी दादरी, अगस्त। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा विधानसभा आम चुनाव-2024 के लिए उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों के लिए चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं (डूज एंड डॉन्ट) के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक अनुपालन किया जाना आवश्यक है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त राहुल नरवाल ने बताया कि सभी दलों और चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों को सार्वजनिक स्थानों जैसे मैदान और हेलीपैड निष्पक्ष रूप से उपलब्ध होना चाहिए। विधानसभा चुनाव के दौरान, अन्य राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्यों तक ही सीमित रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोजन को लेकर स्थानीय पुलिस अधिकारियों को सूचित किया जाना चाहिए और प्रस्तावित बैठक के समय व स्थान की आवश्यक अनुमति समय रहते सही तरीके से ली जानी चाहिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित बैठक के स्थान पर यदि कोई प्रतिबंधात्मक या निषेधात्मक आदेश लागू है तो उन आदेशों का सम्मान किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, प्रस्तावित बैठकों के लिए लाउडस्पीकर या ऐसी किसी अन्य सुविधा के उपयोग के लिए अनुमति प्राप्त की जानी चाहिए और बैठकों में गड़बड़ी या अव्यवस्था पैदा करने वाले व्यक्तियों से निपटने में पुलिस सहायता प्राप्त की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि किसी भी जुलूस को शुरू करने और समाप्त करने के समय व स्थान तथा मार्ग को अग्रिम रूप से फाइनल किया जाना चाहिए और पुलिस अधिकारियों से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी चाहिए। यह अवश्य ध्यान रखा जाए कि जुलूस का मार्ग यातायात को बाधित नहीं करे।
शांतिपूर्ण और व्यवस्थित मतदान के लिए सभी चुनाव अधिकारियों का करें सहयोग
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से मतदान सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दल और चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों द्वारा सभी चुनाव अधिकारियों को सहयोग किया जाना चाहिए। साथ ही, चुनाव में लगे सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बैज या पहचान पत्र दिखाना होगा। मतदाताओं को जारी अनौपचारिक पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज पर होनी चाहिए, जिस पर पार्टी का कोई नाम और निशान या उम्मीदवार का नाम नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, प्रचार अभियान की अवधि के दौरान और मतदान के दिन वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। चुनाव के संचालन के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत या समस्या को निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक, रिटर्निंग अधिकारी, जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट, मुख्य निर्वाचन अधिकारी या भारत निर्वाचन आयोग के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि चुनाव के विभिन्न पहलुओं से संबंधित सभी मामलों में निर्वाचन आयोग या रिटर्निंग ऑफिसर या जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश या दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाना चाहिए। चुनाव प्रचार अवधि के समाप्त होने के उपरांत, यदि कोई व्यक्ति, मतदाता या चुनाव लडने वाला उम्मीदवार या उम्मीदवार का चुनाव एजेंट नहीं है तो उस व्यक्ति को संबंधित निर्वाचन क्षेत्र को छोडऩा होगा।
जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर नहीं की जा सकती कोई अपील
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को क्या नहीं करना चाहिए। किसी भी आधिकारिक काम को चुनाव प्रचार या चुनावी गतिविधियों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए और वित्तीय या अन्य किसी प्रकार का कोई प्रलोभन मतदाता को नहीं दिया जाना चाहिए। मतदाताओं की जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा, ऐसी कोई गतिविधि, जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है या विभिन्न जातियों, समुदायों, धार्मिक और भाषायी समूहों के बीच आपसी द्वेष पैदा करती हो या तनाव पैदा करती हो, ऐसी कोई गतिविधि नहीं की जानी चाहिए।
पैसों के कैश लेन देन से रखें परहेजे
उपायुक्त ने बताया कि चुनाव की पवित्रता व पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राजनीतिक दलों को यह सलाह दी जाती है कि वे नकद लेन-देन से बचें और अपने उम्मीदवारों, एजेंट, कर्मियों और पदाधिकारियों को निर्देश दें कि चुनाव के दौरान वे बड़ी मात्रा में नगद राशि अपने साथ न रखें। इसके अलावा, अन्य राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों द्वारा आयोजित सार्वजनिक बैठकों या जुलूसों में बाधा नहीं डालनी चाहिए। अन्य राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा लगाए गए पोस्टरों को हटाना या विकृत नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि वाहनों पर रात्रि 10 बजे से प्रात 6 बजे तक लाउडस्पीकरों का उपयोग नहीं होना चाहिए।
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चुनाव परिणाम के बाद एक महिने में जमा करना होगा चुनावी खर्च का ब्यौरा
चरखी दादरी, 28 अगस्त। विधानसभा आम चुनाव- 2024 का चुनाव लडने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव खर्च का सही ब्योरा रखना जरूरी है। इसके लिए संबंधित उम्मीदवार को नामांकन के समय खर्चा रजिस्टर उपलब्ध करवाया जाएगा। इस रजिस्टर में ही चुनाव से संबंधित खर्च का ब्योरा दर्ज करना होगा। एक उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रूपए की राशि विधानसभा चुनाव के दौरान खर्च कर सकता है। चुनाव के दौरान खर्चा रजिस्टर ककी तीन बार जांच करवानी जरूरी है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त राहुल नरवाल ने बताया कि विधानसभा लडऩे वाले उम्मीदवारों को चुनाव परिणाम आने के बाद एक माह के भीतर अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को जमा करना होगा। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार तय समयावधि में चुनावी खर्च का ब्यौरा न देने वाले उम्मीदवारों को भविष्य में चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। इस बार प्रत्येक उम्मीदवार के लिए चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये है।
उन्होंने बताया कि नियम के अनुसार उम्मीदवार द्वारा नामांकन पत्र भरने के साथ ही चुनावी खर्च की गणना शुरू हो जाती है। इसके लिए उम्मीदवार को उपलब्ध करवाए जाने वाले रजिस्टर में अपने रोजाना के चुनावी खर्च का हिसाब रखना होता है और अलग से बैंक खाता भी खुलवाना होता है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक खर्च की गणना चलती है। इस दौरान कोई भी उम्मीदवार तय सीमा से ज्यादा पैसा नहीं खर्च कर सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उम्मीदवार या राजनीतिक दलों द्वारा 10 हजार से अधिक का चुनाव व्यय सभी स्थितियों में चुनाव के उद्देश्य से खोले गए उम्मीदवार के बैंक खाते से चेक या ड्राफ्ट या आरटीजीएस/एनईएफटी या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक मोड द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जैसे ही विधानसभा आम चुनाव के परिणाम घोषित होंगे, उस तिथि से एक माह के अंदर-अंदर उम्मीदवारों को अपने चुनाव खर्च का ब्योरा देना अनिवार्य है।