फरीदाबाद- डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए अपराध शाखा 56 की टीम ने हनीट्रैप गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सानिया (23) पत्नी सलीम, रेशमा (45) पत्नी रफीक उर्फ भीम, रहीश (48), इरफान (27), तथा फरीद (27) का नाम शामिल है। आरोपी सानिया व इरफान फरीदाबाद के गांव फतेहपुर तगा, रहीश व फरीद कुरेशीपुर तथा रेशमा धोज़ गांव की रहने वाली है। आरोपी रहीश लकड़ी का काम करता है, फरीद की मीट की दुकान है, इरफान मजदूरी करता है तथा दोनों महिलाएं हाउसवाइफ है। 10-12 आरोपी मिलकर हनीट्रैप गिरोह चलाते हैं जिनके मुखिया सानिया, सानिया का पति सलीम, सानिया के फूफा रफीक, बुआ रेशमा, काले उर्फ मुबारक इत्यादि हैं। गिरोह में शामिल सानिया लोगों को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में उलझाकर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाती है और बाद में सभी आरोपी मिलकर उसे ब्लैकमेल करके पीड़ित से पैसे ऐंठ लेते हैं। दिनांक 11 सितंबर 2024 को धोज थाने में साजिश, एक्सटॉर्शन, स्नैचिंग, अपहरण इत्यादि धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें आरोपियों ने आरिफ निवासी नूंह के साथ इस प्रकार की वारदात को अंजाम दिया था। सानिया ने फरवरी 2024 में आरिफ को फोन करके अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। 23 फरवरी 2024 को सानिया ने आरिफ को बताया कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता है इसलिए उसने आरिफ को अपनी जान बचाने के लिए बुलाया। आरिफ ने यह बात अपने दोस्त काले उर्फ मुबारिक को बताई तो वह सानिया को बचाने के लिए आरिफ के साथ चल दिया। रात करीब 9:00 बजे आरिफ गाड़ी लेकर बल्लभगढ़ तेवतिया फार्म के पास पहुंचा जहां उसे सानिया मिली और वह उसे लेकर नेकपुर गांव पहुंचे। नेकपुर गांव में पहुंचते ही सानिया ने आरिफ को बातों में फसा लिया और उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाने लगी। योजना के अनुसार इतनी देर में ही सानिया का पति सलीम व अन्य साथी मौके पर पहुंच गए। सानिया के साथी आरिफ को धमकाने लगे कि वह सानिया के साथ गलत काम करने की कोशिश कर रहा था और उसे ब्लैकमेल करने लगे। आरोपियों ने आरिफ से 10 लाख रुपए मांगे। आरिफ ने बेज्जती के डर से इधर-उधर से पैसे इकट्ठे करके कुल 3.51 लाख रुपए उनको दे दिए। आरिफ को बाद में पता चला कि उसका दोस्त काले उर्फ मुबारिक इसी गैंग का सदस्य है और उसी ने सानिया को उसका नंबर दिया था। पीड़ित ने बताया कि सानिया और उसके साथियों ने पहले भी इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दिया है और इन्होने थाना मुजेसर , एनआईटी, राजस्थान के कोर्ट काशिम तथा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बलात्कार के मुकदमे दर्ज करा रखे हैं और मुकदमा की सुनवाई में मुकरने के लिए पैसे लेते हैं जिनकी पुलिस द्वारा पड़ताल की जा रही है।
पीड़ित की शिकायत के आधार पर थाने में मुकदमा दर्ज करके आरोपियों की तलाश की गई। अपराध शाखा की टीम ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 14 सितंबर को आरोपी सानिया को पाली गांव से गिरफ्तार कर लिया और उसे पुलिस रिमांड पर लेकर 14 सितंबर को आरोपी इरफान तथा रहीश को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद 15 सितंबर को रेशमा तथा 17 सितंबर को आरोपी फरीद को गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह के सदस्य जमशेद, इरफान तथा शमशु ने इसी प्रकार की धोखाधड़ी की एक अन्य वारदात को अंजाम दिया है जिसमें सानिया की दोस्त फरजाना शामिल है। उसे मामले में आरोपियों ने सेक्टर 58 में ढाबा मालिक से 1 लाख रुपए ऐंठे थे जिसमें पुलिस ने आरोपी फरजाना, जमशेद, इरफान तथा शमशु को गिरफ्तार करके भेज दिया था। पुलिस पूछताछ के बाद आरोपी सानिया, रेशमा, इरफान तथा रहीश को जेल भेज दिया गया है वहीं आरोपी फरीद को पुलिस रिमांड पूरा होने के बाद जेल भेजा जाएगा।
डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि पुलिस द्वारा इस प्रकार के गिरोहों को चिन्हित किया जा रहा है जो लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं। अपराध शाखा 56 ने इससे पहले भी इस प्रकार के ही एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेजा है और आगे भी इस प्रकार की गैंग की धरपकड़ जारी रहेगी। इस मामले में पुलिस उन लोगों की भी पहचान कर रही है जिनमे इस गैंग द्वारा पंचायत या अपने स्तर पर दबाव बनाकर पैसे वापस करके मामले को रफा दफा करवा दिया है, पुलिस हनीट्रैप के शिकार ऐसे लोगों की पहचान करके मामले में पुख्ता साक्ष्य एकत्रित करके आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी