फरीदाबाद पुलिस ने आमजन को सामाजिक भागीदारी, साइबर अपराध, नशा मुक्ति, महिला विरुद्ध अपराध जैसे सामाजिक मुद्दों के बारे में किया जागरूक

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फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त ओमप्रकाश नरवाल के दिशा निर्देश के अंतर्गत सामुदायिक पुलिसिंग टीम ने मवई गांव और सेक्टर 29 में ‘पुलिस की पाठशाला’ का आयोजन किया। इस अवसर पर थाना खेड़ीपुल तथा पुलिस चौकी सेक्टर 28 की पुलिस टीम मौजूद रही।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आमजन को विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में सामुदायिक पुलिसिंग टीम ने सेक्टर 29 और मवई गांव में आमजन को निम्नलिखित विषयों के बारे में जागरूक किया।

  1. नशे से मुक्ति और सामाजिक उत्थान का आह्वान: पुलिस टीम ने ग्रामीणों से नशे से दूर रहने का आग्रह किया और समाज के उत्थान के कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील कि गाँव में कोई व्यक्ति अवैध नशे का व्यापार करते हुए दिखे, तो उसकी सूचना तुरंत 9050891508 पर दें। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और अपनी चुप्पी तोड़कर पुलिस को हर प्रकार के अपराध की जानकारी देनी चाहिए। पुलिस की पाठशाला का मुख्य संदेश “चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो।”
  2. आपातकालीन सेवाओं और साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता: सामुदायिक पुलिसिंग टीम ने साइबर अपराधों से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि कैसे साइबर अपराधी लोभ, लालच और डर का सहारा लेकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं। उन्होंने विशेष रूप से साइबर अपराध के विभिन्न रूपों जैसे डिजिटल अरेस्ट/साइबर अरेस्ट और सेक्सटॉर्सन के बारे में जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सूचना देने और www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करने की सलाह दी।

सभी से आग्रह किया गया कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सुरक्षित रखें, टू-स्टेप वेरिफिकेशन का उपयोग करें, अपनी प्रोफाइल को लॉक रखें और किसी भी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। इसके साथ ही, किसी भी अनजान नंबर से वीडियो कॉल अटेंड न करने की सलाह भी दी गई।

  1. स्थानीय समस्याओं का समाधान: अतिरिक्त प्रबंधक थाना खेड़ीपुल ने ग्रामीणों की स्थानीय समस्याओं को सुना और मौके पर ही समाधान किया। उन्होंने अपना और प्रबंधक थाना का नंबर ग्रामीणों के साथ साझा किया और उन्हें आश्वस्त किया कि पुलिस 24 घंटे उनकी सहायता के लिए तत्पर है।
  2. समाज और पुलिस की भागीदारी: कार्यक्रम के अंत में, सामुदायिक पुलिसिंग टीम ने कहा कि समाज और पुलिस को देशहित में मिलकर कार्य करना चाहिए। पुलिस और आमजन के बीच सहयोग से ही हम अपने समाज को अपराध मुक्त, नशा मुक्त और सड़क दुर्घटनाओं से मुक्त बना सकते हैं।

समापन: “पुलिस की पाठशाला” में ग्रामीणों ने बड़ी उत्सुकता से भाग लिया और पुलिस से संबंधित हर जानकारी प्राप्त की। यह पाठशाला न केवल जागरूकता का एक माध्यम थी, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को पुलिस के साथ मिलकर कार्य करने की प्रेरणा भी दी गई।

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