हरियाणा की शिक्षा मंत्री श्रीमती सीमा त्रिखा ने कहा है कि स्कूली शिक्षा के मुकाबला के दौर में अभिभावक सरकारी स्कूलों को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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सीमा त्रिखा ने आज महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के टैगोर सभागार में आयोजित जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित लोगों को संबोधित कर रही थी।

उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों को जानबूझकर बदनाम किया जाता रहा है कि इन विद्यालय में कुछ नहीं होता। इसी के मद्देनजर उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से बातचीत की और निर्णय लिया कि अभियान के माध्यम से अभिभावकों से मिल जाएगा और उनसे स्कूलों की बेहतरीन के लिए सुझाव लिए जाएंगे। सीमा त्रिखा ने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) ही विद्यालयों की असली तस्वीर सामने ला सकती है। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत अब केवल 4 जिला शेष बचे हैं और एसएमसी के माध्यम से बहुत ही मीठे अनुभव व सुझाव सामने आए।

शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि हरियाणा की टीचर ट्रांसफर पॉलिसी अन्य प्रदेशों के लिए मिसाल बन चुकी है। शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए सीबीएसई की तर्ज पर मॉडल संस्कृति स्कूल तथा पीएम श्री स्कूल खोले गए है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम किया है और अब मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस कार्य को तेज गति से आगे बढ़ा रहे है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लगभग साढे 14 हजार सरकारी स्कूलों में करीब 25 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। सरकारी स्कूलों में लगातार बढ़ रही बच्चों की संख्या का श्रेय अभिभावकों को जाता है। सरकारी विद्यालय में पढ़े हुए बच्चे विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में भी अन्य विद्यार्थियों को टक्कर दे रहे हैं। अभिभावकों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि वह पेरेंट्स मीटिंग में अवश्य जाएं, सुधार के लिए अपने सुझाव रखें। मीटिंग का सिलसिला नियमित रूप से जारी रहना चाहिए।

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