सरकारी कर्मचारी चुनाव एजेंट बना तो होगी कानूनी कार्रवाई-चुनाव आचार संहिता की पालना बारे कर्मचारियों को हिदायत जारी

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कैथल, 25 अगस्त ( ) जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी डॉ. विवेक भारती ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के दौरान कोई भी कर्मचारी जोकि सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं, वह किसी भी पार्टी या उम्मीदवार का चुनाव एजेंट नहीं बन सकता। यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

डीसी डॉ. विवेक भारती ने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2024 की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसकी पालना करना आम जनता के साथ-साथ सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों का भी कर्तव्य है। चुनाव आदर्श आचार संहिता के तहत सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारी उम्मीदवार के चुनाव एजेंट, पोलिंग एजेंट या काउंटिंग एजेंट के तौर पर कार्य नहीं कर सकता है। यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कारावास व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने बारे हिदायतें जारी की गई हैं। इन हिदायतों के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी संगठन का न तो सदस्य हो सकता है और न ही इनसे संबंध रख सकता है। कोई सरकारी कर्मचारी मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी अपने व्यक्तिगत वाहन अथवा रिहायशी मकान पर भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किसी भी प्रकार का चुनाव चिन्ह नहीं लगा सकता है और न ही कोई सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रचार में भाग ले सकता है। किसी भी कर्मचारी का उक्त गतिविधियों में शामिल होना पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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