
फरीदाबाद, 10 अप्रैल, 2025: फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल, फरीदाबाद के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ मामले में, 18-वर्षीय युवक की दोहरी पित्ताशय की थैली (डुअल गॉलब्लैडर) में एक्यूट कैलकुलस कोलीसाइटिसिस (पित्ताशय में पथरी के कारण होने वाली सूजन) का सफल उपचार किया है। दोहरी पित्ताशय की थैली एक दुर्लभ किस्म का जन्मजात विकार है जो 4,000 में से 1 व्यक्ति को होता है। डॉ मोहसिन खान, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ जनरल सर्जरी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद के नेतृत्व में डॉक्टरी की टीम ने मिनीमली इन्वेसिव लैपरोस्कोपिक कोलेसिक्टोमी कर दोनों पित्ताशय थैलियों को सफलतापूर्वक निकाला, जो कि पथरी की वजह से संक्रमित थीं और उनमें सूजन भी थीं। मरीज की तत्काल रिकवरी के बाद उन्हें 24 घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस मामले में 5 मिमी आकार के लैपरोस्कोपिक पोर्ट्स का इस्तेमाल किया गया था जिसके चलते दाग या टांकों के निशान दिखायी नहीं दे रहे हैं।
फरीदाबाद के रहने वाले इस मरीज को पिछले करीब तीन महीनों से बार-बार पेट दर्द, मितली और उल्टी आने की शिकायत बनी हुई थी। शुरू में मरीज ने फरीदाबाद में एक स्थानीय नर्सिंग होम से उपचार लिया लेकिन उनके लक्षण बने रहे। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स फरीदाबाद में भर्ती के बाद मरीज का अल्ट्रासाउंड किया गया जिसमें गॉलस्टोन (पित्ताशय में पथरी) और पित्ताशय से लटकी हुई एक असामान्य किस्म की थैली का पता चला। मरीज का पेट दर्द भी लगातार बना हुआ था और डायग्नॉस्टिक नतीजे भी अस्पष्ट थे, ऐसे में लैपरोस्कोपी की गई जिससे दो पित्ताशय थैलियों
(डुअल गॉलब्लैडर) का पता चला, जो कि एक मोटे टिश्यू की परत से लिपटे हुए थे और बार-बार संक्रमण की शिकायत हो रही थी। पहला गॉलब्लैडर लिवर के ऊपर अपनी सामान्य जगह पर था, जबकि दूसरा कॉमन बाइल डक्ट के नजदीक था। इस असामान्य संरचना की वजह से, सर्जरी के दौरान काफी सावधानी की आवश्यकता थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि गॉलब्लैडर की अलग-अलग डक्ट हैं या दोनों ही एक कॉमन बाइल डक्ट से जुड़े हैं। सटीक तरीके से और सावधानीपूर्वक सर्जरी से संक्रमित गॉलब्लैडर्स को सफलतापूर्वक निकाला गया।
इस मामले की जानकारी देते हुए, डॉ मोहसिन खान, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ जनरल सर्जरी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद ने कहा, “दोहरी पित्ताशय की थैली अत्यंत दुर्लभ किस्म की जन्मजात कंडीशन है। इस कंडीशन की जटिलता के चलते सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि इसमें जरा भी गलती होने से बाइल डक्ट को नुकसान पहुंच सकता था। मिनीमली इन्वेसिव लैपरोस्कोपिक सर्जरी के दौरान दोनों पित्ताशय थैलियों को सावधानीपूर्वक हटाया गया, और हम महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षित रखकर मरीज को अन्य जोखिमों से मुक्त रख सके। यदि इलाज न किया जाता, तो मरीज को क्रोनिक इंफेक्शन, बाइक डक्ट की समस्याओं और गॉलब्लैडर के कैंसर का खतरा भी था, ये सभी कंडीशन जीवनघाती साबित हो सकती हैं। लेकिन समय पर सटीक सर्जरी कर, हम दोनों पित्ताशय थैलियों को निकालकर मरीज का जीवन बचाने में सफल रहे।”
योगेंद्र नाथ अवधिया, फैसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद ने कहा, “यह बेहद दुर्लभ मामला था और डॉ मोहसिन खान एवं उनकी टीम ने सटीक तरीके से सफलतापूर्वक सर्जरी को अंजाम दिया। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद में, हम एडवांस मेडिकल केयर और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी तथा क्लीनिकल उत्कृष्टता के साथ ऐसे दुर्लभ तथा जटिल मामलों के उपचार के लिए प्रतिबद्ध हैं।”