सरकाघाट, 06 सितम्बर- राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से विभिन्न गतिविधियां आयोजित करके लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय गोपालपुर स्थित सरकाघाट द्वारा भी विभिन्न जगहों पर शिविरों का आयोजन कर आम जन-मानस में पौष्टिक – संतुलित आहार तथा स्वस्थ जीवन के महत्व को उजागर किया जा रहा है। शुक्रवार को उपमंडल सरकाघाट की ग्राम पंचायत कोट में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी गोपालपुर अनीता शर्मा ने बताया कि पौष्टिक खान-पान, पारंपरिक भोजन और मोटा अनाज जो स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होते हैं, इन्हें दैनिक भोजन में सम्मलित करना चाहिए।उन्होंने बताया कि देश में हर वर्ष की भांति सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा तथा कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से अनेकों गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत पंचायत व ब्लॉक स्तर पर 6 माह से उपर वाले शिशुओं, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं तथा लोगों को इन शिविरों के जरिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दैनिक भोजन में पालक, मेथी, सरसों का साग, अरबी के पते, धनियां, चौलाई ;चुकंदर, अमरूद, संतरा, किन्नू, नींबू नाशपाती, सेब, अंजीर सहित मोटे अनाज व दालें, दूध, अंडे, मांस, मछली इत्यादि शामिल करने चाहिए। कार्यक्रम के दौरान विशेष रुप से क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध फल-सब्जियों, खाद्य पदार्थों व मोटे अनाज के उपयोग व लाभों के बारे में चर्चा की गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वीना देवी ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं ने एक पोषण स्टाल लगाकर पौष्टिक व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई। जागरूकता शिविर में ग्राम पंचायत के उपप्रधान कुशल ठाकुर, स्थानीय वृत पर्यवेक्षिका सरोजनी देवी, परियोजना के अन्य वृतों के पर्यवेक्षक, स्थानीय लोग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं ;आशा वर्कर्ज तथा सहायिकाएं उपस्थित थीं।