धान की पराली व अवशेषों को जलाने की बजाय उनका प्रबंधन करें सभी किसान-उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार

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-किसान के पास फसल प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र न होने की स्थित में कृषि विभाग उपलब्ध करवाएगा कृषि यंत्र

– जिला में पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णत: रोक लगाने के लिए जिला में बनाई गई कमेटियां प्रत्येक गांव पर रखे पैनी नजर

-धान पराली व अवशेषों को जलाने पर रोक लगाते हुए उपायुक्त ने जिला में लगाई धारा-163

-उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में फसल अवशेष प्रबंधन के तहत आयोजित हुई जिला स्तरीय बैठक

उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार ने जिला के किसानों का आह्वïान किया कि वे धान कटाई केे सीजन के दौरान धान की पराली व अवशेषों को जलाने की बजाय उनका प्रबंधन करें ताकि इससे मनुष्य का जीवन व मिट्टïी की उर्वरा शक्ति दोनों सुरक्षित रह सके। उन्होंने गताया कि जब किसान पराली या अवशेषों को जलाता है तो उससे उठने वाले धुएं से वातावरण प्रदूषित होता है और हमें कई बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा जमीन में आग लगने से मिट्टïी के मित्र किट भी मर जाते है जिससे मिट्टïी की उर्वरा शक्ति कम होती है।

उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को लघु सचिवालय में फसल अवशेष प्रबंधन के तहत जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि जिस किसान के पास धान के अवशेषों का प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्र नहीं है उस किसान को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि फसल अवशेषों का उचित प्रकार से प्रबंधन हो सके। उन्होंने कहा कि अगर किसी किसान के पास कृषि यंत्र नहीं है तो वह अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क कर सकता है।

उन्होंने बताया कि जिला में पराली की घटनाओं पर पूर्णत: रोक लगाने के लिए जिला, तहसील, ब्लॉक तथा ग्राम स्तर पर कमेटियां गठित की गई हैं। जो जिला के प्रत्येक क्षेत्र में पैनी नजर रखेंगी कि जिला में कहीं भी पराली न जलाई जाए। उन्होंने बताया कि धान पराली व अवशेषों को जलाने पर रोक लगाने के लिए जिला में अगले दो महिने तक धारा-163 लागू कर दी गई है। अगर कोई किसान फसल अवशेष या पराली जलाने का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि जिला के जो गांव येलो जोन में मौजूद हैं अधिकारी उन सभी गांवों पर विशेष नजर रखें। उन गांवों में समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक करें कि पराली व अवशेष जलाने से किस प्रकार के नुकसान होते हैं। उन्होंने कहा कि गांव में सरपंच, ग्राम सचिव व नंबरदार भी लोगों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक करें ताकि इस बार पराली जलाने को लेकर जिला में कोई भी मामला न आए। उन्होंने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में पराली जलाने का मामला आया और उसपर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो संबंधित कमेटी के अधिकारियों पर भी सख्त कार्यवाही की जाएगी, इसलिए इस कार्य में किसी प्रकार की ढिलाई न बरतें।

बैठक में सीईओ जिला परिषद राकेश सैनी, एसडीएम गोहाना अंजलि श्रोत्रिय, एसडीएम खरखौदा श्वेता सुहाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक डॉ० पवन शर्मा, सहायक अभियंता नवीन हुड्डïा तथा एडीओ मनोज कुमार सहित संबंधित सभी अधिकारी मौजूद रहे।

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