जींद 22 अगस्त विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है

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जिसके तहत सभी उम्मीदवारों/ पार्टियों के लिए भारत निर्वाचन आयोग के नियमों व आदेशों की पालना करना अनिवार्य है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सरकारी/निजी संपत्ति पर चुनावी सामग्री चस्पा नहीं की जा सकती है। सरकारी भवनों पर प्रचार सामग्री चस्पा करने वालों के खिलाफ डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा निजी संपत्ति पर चुनावी सामग्री लगाने से पहले भवन मालिक की इजाजत लेनी होगी तथा उसकी सूचना संबंधित आरओ को देनी होगी। यह चुनावी खर्च में शामिल होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया है कि विधानसभा चुनाव-2024 के तहत आदर्श आचार संहिता को जिला में प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति और अर्ध सरकारी संपत्ति पर चुनावी प्रचार-प्रसार संबधित वॉल पेंटिंग करने या अन्य किसी प्रकार के पोस्टर चस्पा करने की पूरी तरह से मनाही है। ऐसा करने के आरोपी के विरुद्ध डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जिला में संपत्ति विरूपण की रोकथाम के लिए आदर्श आचार संहिता की धारा 1(6) के अनुसार किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या उसके अनुयायी द्वारा किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, परिसर, दीवार आदि का उपयोग झंडे व बैनर लगाने, नोटिस चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए प्रयोग नहीं किया जायेगा ।

किसी भी व्यक्ति की निजी या सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाने पर, संबंधित पार्टी/उम्मीदवार या व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 324, 324(1), 324(2), 324(3), 326(डी) आदि और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 के तहत कार्रवाही अमल में लाई जाएगी। साथ ही हरियाणा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम और नगरपालिका कानूनों के तहत भी मुकदमा चलाया जाएगा। और संपत्ति के विरूपण को हटाने पर होने वाला व्यय जिला प्रशासन द्वारा संबंधित पार्टी/उम्मीदवार आदि से वसूला जाएगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक सम्पति से तात्पर्य केवल सार्वजनिक भवन से ही नहीं अपितु राजमार्ग पर तथा सड़कों के महत्वपूर्ण चैराहों पर साइनबोर्ड, सड़क की दिशा का संकेत, राजमार्ग पर मील के पत्थर, रेलवे प्लेटफॉर्म/बस टर्मिनल पर एहतियाती नोटिस बोर्ड या आम जनता की सुविधा के लिए प्रदर्शित कोई अन्य नोटिस या साइनबोर्ड से भी है। चुनाव प्रचार के लिए इन सभी संपत्तियों के विरूपण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाही की जाएगा। उन्होंने सबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार लापरवाही ना बरती जायें।यदि किसी निजी भवन पर पोस्टर, बैनर लगाने के लिए भवन मालिक की अनुमति नहीं ली गई है तो वह अपने क्षेत्र के एसडीएम -कम-एआरओ ऑफिस में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

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