नेशनल कमिशन फॉर वूमेन तथा जेट सोशल इंपैक्ट संस्थान द्वारा आयोजित “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए जागरूकता” कार्यक्रम में 100 से अधिक महिला पुलिसकर्मियों सहित करीब 250 पुलिसकर्मियों ने लिया हिस्सा

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फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य द्वारा महिला सुरक्षा के संबंध में दिए गए निर्देश अनुसार “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए जागरूकता” पर प्रशिक्षण राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और जेट सोशल इम्पैक्ट (जेएसआई) द्वारा संचालित और आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण में एसीपी महिला सुरक्षा मोनिका, महिला थाना एनआईटी प्रभारी इंस्पेक्टर माया, महिला थाना सेंट्रल प्रभारी इंस्पेक्टर गीता, महिला थाना बल्लभगढ़ प्रभारी इंदु बाला सहित महिला पुलिसकर्मी मौजूद रही। प्रशिक्षण का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करना है, इसी को ध्यान में रखते हुए 13 सितंबर 2023 को फरीदाबाद पुलिस विभाग के लिए एक POSH जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई थी। प्रशिक्षण में लगभग 250 से अधिक पुलिस कर्मचारी मौजूद रहे। यह प्रशिक्षण कानूनी ढांचे, यौन उत्पीड़न के विभिन्न रूपों, रोकथाम के तरीकों और सभी के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण बनाए रखने के महत्व के बारे में ज्ञान प्रदान करने पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम में जेट सोशल इम्पैक्ट (जेएसआई) से डॉ. अपर्णा दीक्षित क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक और बिहेवियर थेरेपिस्ट हैं और सुश्री प्रियंका पाठक जो एक पॉश ट्रेनर, सामाजिक और आध्यात्मिक प्रभावकार हैं और एनसीडब्ल्यू से विशेष समन्वयक सुश्री नेहा महाजन गुप्ता भी उपस्थित थीं।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को यौन उत्पीड़न की अवधारणा और इसके विभिन्न रूपों के बारे में शिक्षित करना। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों और दिशानिर्देशों के बारे में जागरूकता बढ़ाना। यौन उत्पीड़न के मामलों की पहचान करने और रिपोर्ट करने के लिए प्रतिभागियों को ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना तथा कार्यस्थल में सम्मान, लैंगिक संवेदनशीलता और समावेशिता की संस्कृति को बढ़ावा देना था। इस वर्कशाप के माध्यम से पुलिसकर्मियों को विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी प्रदान की गई जिसमें यौन उत्पीड़न की परिभाषा, व्यक्तियों और संगठनों पर इसके प्रभाव को समझना, मिथकों और भ्रांतियों को दूर करना, कानूनी ढाँचा और नीतियाँ, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का अवलोकन (रोकथाम, निषेध, और निवारण) अधिनियम, 2013 की जानकारी प्रदान करना, नियोक्ताओं और कर्मचारियों के कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ, आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) – संरचना और कार्य, यौन उत्पीड़न के प्रकार और उदाहरण, मौखिक, गैर-मौखिक और शारीरिक उत्पीड़न, प्रतिकूल कार्य वातावरण उत्पीड़न, केस अध्ययन और वास्तविक जीवन के उदाहरण, रोकथाम और हस्तक्षेप रणनीतियाँ, एक सुरक्षित और समावेशी कार्य वातावरण बनाना, लैंगिक समानता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना
प्रभावी हस्तक्षेप के लिए भूमिका-निभाना और परिदृश्य-आधारित अभ्यास, दर्शक का हस्तक्षेप और उसका महत्व, यौन उत्पीड़न की घटनाओं की रिपोर्ट कैसे करें, गोपनीयता और गैर-प्रतिशोध, प्रभावी निवारण प्रक्रिया के लिए कदम, संवेदनशीलता और सहानुभूति
बचे हुए लोगों के अनुभवों और दृष्टिकोण को समझना, सहानुभूति और सक्रिय श्रवण कौशल विकसित करना, एक सहायक कार्यस्थल संस्कृति को प्रोत्साहित करना इत्यादि शामिल थे। इसके माध्यम से बताया गया कि कार्यस्थल पर लैंगिक, मौखिक या गैर मौखिक या स्पर्श से शारीरिक उत्पीड़न के बारे में बनाई गई कमेटी जिनकी अध्यक्ष एक महिला कर्मचारी होती है उन्हें अपनी शिकायत दर्ज करवाएं तथा उत्पीड़न के विरुद्ध अपनी आवाज़ उठाएं।

प्रशिक्षण पद्धति: जेट सोशल इम्पैक्ट ने प्रतिभागियों को प्रभावी ढंग से संलग्न करने के लिए शिक्षण विधियों के संयोजन का उपयोग किया। प्रशिक्षण में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन, वीडियो, केस स्टडीज और इंटरैक्टिव गतिविधियों का उपयोग शामिल था। इन तरीकों ने सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया और प्रतिभागियों को प्राप्त ज्ञान को वास्तविक जीवन परिदृश्यों में लागू करने की अनुमति दी।

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