शिमला 02 सितम्बर – रामपुर व साथ लगते क्षेत्रों में डेंगू रोग के लक्षणों को नियंत्रित करने व एहतियात कदम उठाए जाने के लिए विशेष टीम द्वारा निरीक्षण किया गया, जिसमें दीनदयाल उपाध्याय क्षेत्रीय अस्पताल शिमला के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 विनीत कुमार लखनपाल, खण्ड चिकित्सा अधिकारी रामपुर डॉ0 राकेश कुमार नेगी व आईजीएमसी शिमला के सामुदायिक चिकित्सा रेजिडेंट डॉ अनुज कौशल शामिल थे।
उन्होंने डेंगू रोग के लक्षण वाले रोगियों के परिवार से मिलकर इस रोग के लक्षण के दौरान लेने वाले आहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।
उन्होंने रामपुर नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में जा कर देखा कि कहां-कहां पानी का ठहराव है और उनमें एडीज मच्छर पनप रहा है या नहीं। उन्होने स्थानीय लोगों व नगर परिषद को इसे तुरन्त ठीक करने का आग्रह किया ताकि रामपुर क्षेत्र में डेंगू रोग को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।
डॉ0 लखनपाल ने डी.ए.वी. स्कूल रामपुर में बच्चों व अध्यापकों को डेंगू रोग के प्रति जागरूक भी किया तथा सभी विद्यार्थियों को पूरा शरीर ढका हुआ वर्दी पहनने के लिए कहा ताकि एडीज मच्छर के काटने से बचा जा सके । उन्होंने स्कूल के बच्चों से कहा कि वह घर जा कर अपने परिवार व आस पड़ोस के लोंगो को भी डेंगू रोग से बचाब बारे जागरूक करे ।
डॉक्टर विनीत ने बताया कि डेंगू के रोकथाम के लिए रामपुर क्षेत्र के लोगों को खुद आगे आना होगा, नहीं तो भविष्य में यह और ज्यादा फैल सकता है । उन्होंने नगर परिषद से आग्रह किया कि पूरे क्षेत्र में कीटनाशक व मच्छर रोधी दवाई का छिडकाव करते रहे व नगर परिषद क्षेत्र के नालियों में पानी का ठहराव नहीं होने दे ।
उन्होंने क्षेत्र के सभी लोगों से अपील की है कि अधिक बुखार होने पर अपने रक्त की जांच करवाएं और चिकित्सक के परामर्श के बिना कोई भी दवाई न लें तथा अपने घर व आस-पास में मच्छर को पनपने न दें तथा कूलर, फूलदान,टूटे हुए बर्तन, टायर में पानी को इकट्ठा होने न दे । एडीज मच्छर दिन के समय ज्यादा सक्रिय रहता है व साफ पानी में पनपता है तथा इसका संचार बरसात के दिनों में अधिक होता है । उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह दिन के समय मच्छर मारने वाली क्रीम तथा मशीन का उपयोग करें ।
उन्होंने डेंगू रोग के लक्षण एवं बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि डेंगू रोक के लक्षण अचानक तेज सिर में दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ो में दर्द होना, आँखो के पीछे दर्द होना, उल्टी होना, गम्भीर मामलों में नाक, मूँह, मसूड़ो से खून आना व त्वचा पर चकत्ते उभरना है । उन्होने बताया कि इस रोग से बचाव के लिए घर में रखे सभी पानी के बर्तनों को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली कर धूप में सुखाएं तथा खिडकी व दरवाजे में जाली/परदे लगाएं रखे। घर व आस पास के क्षेत्र में मच्छरों को पनपने न दें क्योंकि डेंगू रोग केवल मच्छर के काटने से होता है ।
स्वास्थ्य खण्ड रामपुर के स्वास्थ्य शिक्षक सुभाष चन्द्र, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक राम लाल व आशा कार्यकर्ता निरंजना व रीना भी इस अवसर पर साथ थे ।