(Front News Today) *23अप्रैल 2000 को नई दिल्ली के मावलंकर भवन में आयोजित वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव में सोनाली कौशल ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी,तत्कालीन सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली,मॉरिशस के राजदूत रोहित नारायण सिंह ‘गति’ व कैलाशपति मिश्र के समक्ष अपना गीत सुना कर वहां उपस्थित तमाम श्रोताओं को रोमांचित कर दिया था ।
लंदन। आयरलैण्ड में जब रात को बर्फ गिर रही थी और पार्कों- सड़कों पर सफेद तह जम चुकी थी, तब शहर के एक मकान में भारतीय संगीत के सुरों की गरमाहट से मन के भीतर की बर्फ पिघल रही थी क्योंकि यहाँ भारतीय मूल की एक चिकित्सक सोनाली कौशल अपने भीतर के कलाकार को विभिन्न प्लेटफॉर्म पर बाहर लाने के लिए संगीत का प्रैक्टिस कर रही थी जिसका रिकॉर्डिंग भारतीय फिल्म इंडस्ट्री मुम्बई में हुआ है।
अब आपके मन में ये सवाल कौंध रहा होगा कि आखिर कौन है ये सोनाली कौशल ?
…तो आइए हम कराते हैं इनका परिचय। डॉक्टर सोनाली कौशल मूल रूप से छपरा शहर के भगवान बाजार निवासी व भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत अधिकारी कौशल कुमार सिंह की सुपुत्री है जिन्होंने MBBS की पढ़ाई चाइना के तिआनजिन मेडिकल कॉलेज से पूरी की और अब अपने प्रोफेशन को लेकर पति डॉक्टर शशि कुमार के साथ लंदन में रहती है ।इनके पति Basildon के सरकारी अस्पताल में सर्जन हैं ।
आपको बता दें कि ये वही सोनाली कौशल है जो अनुभूति कला शोध संस्थान “अबरी” के लिए वीर कुंवर सिंह गाथा गान में अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती थी । 23 अप्रैल 2000 को नई दिल्ली के मावलंकर भवन में आयोजित वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव में सोनाली कौशल ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी,तत्कालीन सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली,मॉरिशस के राजदूत रोहित नारायण सिंह ‘गति’ व कैलाशपति मिश्र के समक्ष अपना गीत सुना कर वहां उपस्थित तमाम श्रोताओं को रोमांचित कर दिया था ।
डॉ. सोनाली कौशल ने संगीत सुनने एवं श्रवण करने के अंतराल को बताते हुए कहा कि संगीत के सही सधे हुए स्वर मन और मस्तिष्क के सर्वश्रेठ पौष्टिक आहार हैं ।आज की इस उपभोक्तावादी संस्कृति में इंसान अपनी समस्त ऊर्जा को उत्पादन में लगा देते है लेकिन उनकी भावनाओं की तृप्ति तो संगीत के माध्यम से ही होता है इस लिए भी संगीत से मेरा भरपूर लगाव है ।
आइये सुनते है गायिका डॉ.सोनाली कौशल द्वारा रिकॉर्डिंग कराए गए इस अदाकरी भरे गीत को ….