भ्रष्टाचार को उजागर करते ताजमहल का टेंडर से रंग उत्सव का समापन

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फोर्थ वाल प्रोडक्शंस द्वारा आयोजित पांच दिवसीय चतुर्थ हरियाणा रंग उत्सव ज्योति संग स्मृति नाट्य समारोह का समापन ताजमहल का टेंडर नाटक से हुआ। इस समापन अवसर पर सी0ए0 राजेन्द्र सिंह ढिल्लों, पार्षद जसवंत सिंह और रंगकर्मियों ने हाल ही में दिवंगत हुए साहित्यकार, रंगकर्मी ज्योति संग को श्रद्धांजलि भी दी।

इसके पश्चात आधुनिक नौकरशाही और भ्रष्टाचार को सामने रखते हुए व्यंग्यपूर्ण काॅमेडी नाटक ताजमहल का टेंडर मंचित किया गया। सम्राट शाहजहाँ अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताजमहल बनवाने का सपना देखता है, लेकिन उसकी योजनाएं वर्तमान की भ्रष्ट व्यवस्था और अधिकारियों के कारण टेंडर प्रक्रिया में ही फंस कर रह जाती हैं।

नाटक का व्यंग्य हमारे आज के तंत्र पर है, जिसमें मुगल बादशाह शाहजहाँ इतिहास से निकलकर अचानक बीसवीं सदी की दिल्ली में गद्दीनशीन हो जाते हैं, और अपनी बेगम की याद में ताजमहल बनवाने की इच्छा जाहिर करते हैं। नाटक में बादशाह के अलावा बाकी सब आज का है। सारी सरकारी मशीनरी, नौकरशाही, छुटभैये नेता, घूसखोर और एक-एक फाइल को बरसों तक दाबे रखने वाले अलग-अलग आकारों के क्लर्क, छोटे-बड़े अफसर, और एक गुप्ता जी जिनकी देखरेख में यह प्रोजेक्ट पूरा होना है। सारे ताम-झाम के साथ सारा अमला लगता है और देखते-देखते पच्चीस साल गुजर जाते हैं। अधेड़ बादशाह बूढ़े होकर बिस्तर से लग जाते हैं और जिस दिन ताजमहल का टेंडर फ्लोट होने वाला होता है, दुनिया को विदा कह जाते हैं।

इस नाटक की निर्देशिका साक्षी हैं और कलाकारों में अभ्युदय मिश्रा, प्रदीप कुमार, देवांश सिंह, सागर साहू, दिवाकर दुबे, मनीषा, दीपक, दुर्गेश कुमार, सक्षम मिश्रा, जनवेद, अभिषेक और कृष्णा ने अपने अभिनय से नाटक को मनोरंजक बनाए रखा।

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