
सम्बन्धित विभागों को नदियों व् उनके कैचमेंट एरिया को चिन्हित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा क्रिटिकल जल श्रोतो, जल धाराओं, नदियों व जलाशयों का संरक्षण एवं सवंर्द्धन की कार्ययोजना बनाते हुए कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होने सिचाई विभाग के अधिकारियों को कल्याणी नदी के पुर्नजीवितीकरण कार्य योजना बनाने के साथ ही अन्य नदियों, तालाबों व् जलाशयों के डिसिल्टिंग व् सफाई कार्य, जिन स्थानों पर भूजल स्तर गिर रहा है उन क्षेत्रों को चिन्हित कर रिचार्ज पिट, रिचार्ज शाफ़्ट, रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक निर्माण कार्य तथा अधिक से अधिक पौधारोपण आदि कार्य करने के निर्देश दिये।
मुख्य विकास अधिकारी ने जल संरक्षण संवर्द्धन के लघुकालीन व दीर्घकालीन प्रस्ताव बनाकर शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि कार्य योजना साइंटिफिक तरीके से बनाया जाए जिसमें रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस तकनीक का उपयोग किया जाये।
बैठक में अधिशासी अभियंता सिंचाई पीसी पाण्डे, लघु सिंचाई सुशील कुमार, पेयजल निगम सुनील जोशी, नलकूप आरके सिंह, सहायक अभियंता सिंचाई विशाल प्रसाद, सुधीर कुमार, सहायक अभियंता जिला पंचायत मोहन सिंह बिष्ट, जल संस्थान एलएम पाण्डे, एडीपआरओ महेश कुमार, वरिष्ठ निरीक्षण मत्स्य रविन्द्र कुमार, जीआईएस एक्सपर्ट डॉ0 तंसीर आलम खान आदि मौजूद थे।