पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों पर होती है मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष ढंग से संपन्न करवाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी: अजय चोपड़ा

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– पंचायत भवन में पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों के लिए शुरू हुई पांच दिवसीय कार्यशाला

– कार्यशाला में पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों को दी ईवीएम तैयार करने व मोक पोल करवाने की विस्तार से जानकारी

भिवानी, 08 सितंबर। डीसी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी महावीर कौशिक के मार्गदर्शन में स्थानीय पंचायत भवन में रविवार से पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों की पांच दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। कार्यशाला में सीईओ जिला परिषद अजय चोपड़ा ने पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से चुनाव कराने को लेकर जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने चुनाव के दिन मोक पोल करवाने से लेकर मतदान संपन्न होने व ईवीएम जमा करवाने तक विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में ईवीएम तैयार करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

श्री चोपड़ा ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में पोलिंग बूथ पर मतदान को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से संपन्न करवाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों पर निर्भर करती है। पोलिंग बूथ पहुंचते ही सभी तैयारियों को देखना होता है कि वहां पर सभी मूलभूत सुविधाएं हैं या नहीं। यदि किसी प्रकार की कमी है तो उसके बारे में तुरंत प्रभाव से संबंधित टीम के नोडल अधिकारी या प्रशासन को देें ताकि समय रहते उसको पूरा करवाया जा सके।

इसी प्रकार से उन्होंने कहा कि चुनाव को निष्पक्ष ढंग से संपन्न करवाने की दिशा में पहला कदम स्वयं का निष्पक्ष होना जरूरी है। चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव के दौरान कोई भी अधिकारी या कर्मचारी चुनावी ड्यूटी के अलावा किसी भी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं ले सकता, यदि वह ऐसा करता है कि उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की होगी, इसके बारे में प्रदेश के मुख्य सचिव के आदेशों पर जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशिक द्वारा भी जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करवाने में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी और भी अधिक बन जाती है। ऐसे में पीठासीन और सहायक पीठासीन अधिकारियों के साथ-साथ पोलिंग टीम में शामिल सभी सदस्यों का निष्पक्ष होना जरूरी है।

इसके साथ-साथ मतदान करवाने के दौरान ऐसा कोई कार्य या शब्दों का प्रयोग नहीं करना है, जिससे आपका किसी प्रत्याशी या राजनीतिक दल के पक्ष में होना प्रतीत हो। उन्होंने कहा कि चुनाव को निष्पक्ष ढंग से संपन्न करवाने के लिए भाषा व शब्दों पर काबू होना चाहिए। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ही कार्य करना होता है। चुनाव में बड़ी ही सूझबूझ के साथ कार्य करना होता है, लेकिन उसे अपने निर्वाचन आयोग के निर्देशों की पालना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अपने पोलिंग बूथों पर प्रबुद्घ व गणमान्य लोगों से शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाने की अपील करें। अपने साथ नियुक्त पुलिस अधिकारियों के साथ तालमेल बनाएं।

उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन को सही ढंग से तैयार करना आना चाहिए। इसके साथ ही ईवीएम में आने वाली तकनीकी खराबी के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए ताकि उसे तुरंत प्रभाव इक्सपर्ट से दुरूस्त करवाया जा सके। कार्यशाला के दौरान रमन शांडिल्य ने प्रोजेक्टर के माध्यम से ईवीएम को तैयार करने के बारे में विस्तार से समझाया। पीठासीन व सहायक पीठासीन अधिकारियों को मोक पोल करवाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान चुनाव नायब तहसीलदार विनोद कुमार भी मौजूद रहे।

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